NAVRATRI 2021: तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को इस मंत्र से करें प्रसन्न, पूजा करते समय इस बात का जरूर रखें ख्याल

NAVRATRI 2021: तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को इस मंत्र से करें प्रसन्न, पूजा करते समय इस बात का जरूर रखें ख्याल

नई दिल्ली: आज शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है. नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के स्वरूप की उपासना की जाती है. मां चंद्रघंटा की श्रद्धा से पूजा करने से शारीरिक और मानसिक विकार दूर होते हैं. मां चंद्रघंटा की पूजा की विधि भी वैसी ही है जैसे शक्ति के अन्य रूपों की पूजा की जाती है. देवी को रात की रानी के फूल बेहद पसंद हैं.

ये नवदुर्गा का तीसरा स्वरुप हैं. अपनी हल्की हंसी से ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इनका नाम कुष्मांडा पड़ा. ये अनाहत चक्र को नियंत्रित करती हैं. मां चंद्रघंटा के हाथों में तलवार, त्रिशूल, धनुष और गदा होता है. शास्त्रों में उल्लेख है कि मां चंद्रघंटा पापों का नाश और राक्षसों का वध करती हैं.

 देवी की पूजा उनके महामंत्र के बिना बिल्कुल न करें. वहीं, मां चंद्रघंटा के बीजमंत्र का भी जाप कर सकते हैं. पूजा की विधि शुरू करने से पहले देवी को रात की रानी के फूल चढ़ाएं. देवी कुष्मांडा की पूरी पूजा विधि, महामंत्र, बीजमंत्र और सूर्य को प्रसन्न करने वाले उपाय इस प्रकार जानिए.

 

देवी कुष्मांडा की पूजा विधि

 पीले कपड़े पहनकर मां कुष्मांडा का पूजन करें. पूजन के दौरान मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय उपासक को सुनहरे या पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए. इतना ही नहीं, मां को खुश करने के लिए सफेद कमल और पीले गुलाब की माला भी अर्पित कर सकते हैं. ये मां की प्रिय चीजें हैं.

मां चंद्रघंटा का मंत्र

पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

 

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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