Navratri 2020 Maa Katyayani Worship: नवरात्रि के छठे दिन ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा, दूर होंगे सभी कष्ट, बरसेगी मां की कृपा

Navratri 2020 Maa Katyayani Worship: नवरात्रि के छठे दिन ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा, दूर होंगे सभी कष्ट, बरसेगी मां की कृपा

नई दिल्ली:नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है. इस दिन मां कात्यायनी की पूजा विधि विधान से करके सभी कष्टों को दूर किया जाता है. बताया जाता है कि मां कात्यायनी ने असुर राज महिषासुर का मर्दन किया था. मां कात्यायनी की पूजा विवाह के इच्छुक लोगों के लिए फलदायी है. कात्यायनी देवी का यह अवतार करूणामयी है. मां कात्यायनी का शरीर सोने की तरह चमकदार और सुनहरा है. मां कात्यायनी 4 भुजाधारी सिंह पर सवार है.  

मां कात्यायनी की पूजा विधि

मां कात्यायनी की पूजा विधि में नारियाल, कलश, गंगाजल, कलावा, अगरबत्ती, धूप, दीया, धूप, चावल, चुन्नी और शहद का प्रयोग किया जाता है. मां कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए चार फूलों को हाथों में लेकर 108 मां कात्यायनी के मंत्र का जाप करना चाहिए.

इसके बाद मां को पुष्प अर्पित करने चाहिए. कात्यायनी माता के प्रसाद में शहद का प्रयोग होता है. इसके प्रभाव से साधक सुंदर रूप प्राप्त होता है. सुबह गंगा जल ड़ालकर स्नान करना चाहिए. मां का ध्यान लगाकार नारियल को कलश पर रखना चाहिए. नारियल पर कलावा और चुन्नी बांधकर पूजा करनी चाहिए. पूजा के बाद मां कात्यायनी को शहद का भोग अवश्य लगाना चाहिए. नवरात्र के छठे दिन लाल वस्त्र पहनने चाहिए.

बताया जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा वाले दिन साधक का मन ‘आज्ञा चक्र’में स्थिर रहता है. योग साधना में आज्ञा चक्र का बड़ा ही महत्व है. बता दें कि मानव शरीर में स्थित 7 चक्रों में सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली चक्र आज्ञा चक्र है. इससे चेहरे पर तेज देखते ही बनता है. साधक माता की पूजा करके हमेशा सुख भोगता है.

मां कात्‍यायनी की आरती 
जय-जय अम्बे जय कात्यायनी
जय जगमाता जग की महारानी
बैजनाथ स्थान तुम्हारा
वहा वरदाती नाम पुकारा
कई नाम है कई धाम है
यह स्थान भी तो सुखधाम है
हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी
हर जगह उत्सव होते रहते
हर मंदिर में भगत हैं कहते
कत्यानी रक्षक काया की
ग्रंथि काटे मोह माया की
झूठे मोह से छुडाने वाली
अपना नाम जपाने वाली
बृहस्‍पतिवार को पूजा करिए
ध्यान कात्यायनी का धरिए
हर संकट को दूर करेगी
भंडारे भरपूर करेगी
जो भी मां को 'चमन' पुकारे
कात्यायनी सब कष्ट निवारे

     

 

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