Congress On Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आंतकी हमले के बाद से भारत पाकिस्तान के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई कर रहा है। एक तरफ जहां राहुल गांधी अपना विदेश दौरा छोड़कर कश्मीर पहुंचे और अस्पताल जाकर घायलों से मिले। वहीं, दूसरी तरफ कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया समेत कई कांग्रेस नेताओं ने पहलगाम हमले पर बयान जारी किए। लेकिन बयान जारी करते ही सभी बीजेपी के निशाना पर आ गए हैं।
राहुल-खरगे ने क्यों जताई नाराजगी?
इस समय सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही पहलगाम हमले की कड़ी निंदा कर रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस के कुछ नेताओं के बयान पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने नाराजगी जताई है। उनके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पहलगाम हमले पर अलग-अलग बयान दिया है। जिस पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने आपत्ति जताई है।
कांग्रेस के उन नेताओं में से रॉबर्ट वाड्रा, मणिशंकर अय्यर और कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया का नाम सामने आया है। जिन्होंने पहलगाम हमले पर कुछ ऐसा बयान दिया। जिस वजह से बीजेपी ने एक बार फिर कांग्रेस को घेर लिया है।
'विपक्ष सरकार के साथ है'
मालूम हो कि हाल ही में मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने अपना रुख साफ करते हुए कहा था कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद विपक्ष सरकार के साथ है। बता दें, हमले के बाद कांग्रेस ने कोई सवाल खड़ा नही किया। बल्कि वह केंद्र सरकार के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर चलने की बात कह रही है। किलहाल, मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं। कांग्रेस अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है कि वह अपनी इमेज को अच्छी बनाए रखकर ये संदेश देना चाह रही है कि वह देश के साथ मजबूती से खड़ी है।
BJP के निशाने पर सिद्धारमैया
दरअसल, पहलगाम हमले के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि हमें पाकिस्तान से लड़ने की कोई जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि पाकिस्तान से लड़ाई कैसे करनी है? इस बारे में सोचने से अच्छा है कि हमें हमारा पूरा ध्यान जनता की सुरक्षा पर लगाना चाहिए। उनके इस बयान के बाद से BJP ने उन्हें घेर लिया है।
सिद्धारमैया के बयान पर कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक का एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया का इस तरह से बात करना ये दिखा रहा है कि वह पाकिस्तान की कठपुतली है। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया को थोड़ा सोच-समझकर बोलना चाहिए। उन्होंने ये नहीं दिखाई दे रहा है कि उनका ये बयान इसे समय में सामने आया है, जब देश बहुत संवेदनशील स्थिति का सामना कर रहा है।
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