नई दिल्ली: आज का दिन पूरी दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक दिन हैं। आज नासा ने सुबह इतिहास रच दिया। 4बजकर 45मिनट पर नासा ने dart mission को अंजाम दिया। पृथ्वी को ऐस्टिराइड से बचाने का स्पेस एजेंसी ने सफलतापूर्ण टेस्ट किया है। एस्टेरॉयड की दिशा और रफ्तार बदलने वाला नासा का एक्सपेरिमेंट कामयाब रहा। हालांकि फाइनल रिपोर्ट आनी बाकी है।
अंतरिक्ष यान डिमोर्फोस नाम के एक छोटे ऐस्टरॉइड से टकराया। डार्ट के टरकाने वाले ऐस्टरॉइड की लंबाई 169मीटर के आसपास थी। वैज्ञानिकों को पहले से ही उम्मीद थी कि टक्कर से ऐस्टरॉइड की दिशा और गति दोनों बदल जाएगी। नासा ने धरती के चारों ओर 8हजार से अधिक नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स रिकॉर्ड(Earth Objects Record) किए हैं। इनमें कई ऐसी चीजें हैं जो धरती से टकरा गई तो काफी नुकसान हो सकता है। नासा का यह मिशन सफल रहा। टीम खुशी के मारे उछल पड़ी। यह ऐसा पल था जब वैज्ञानिकों ने जश्न मनाया। साइंटिस्ट दिल थामकर अंतरिक्ष के इस ऐतिहासिक लम्हें का गवाह बन रहे थे, टक्कर होते ही वो तालियां पीटने लगे।
क्या था नासा प्रोजेक्ट
नासा प्रोजेक्ट डार्ट के जरिए ये देखना चाहता था कि क्या एस्टेरॉइड पर स्पेसक्राफ्ट की टक्कर का कोई इम्पैक्ट पड़ता है या नहीं ? क्या स्पेस क्राफ्ट की टक्कर से एस्टेरॉइड की दिशा और रफ्तार पर असर पड़ता है कि नहीं ? इन सवालों का विस्तार से जवाब डिटेल रिपोर्ट आने के बाद ही मिलेगा, लेकिन नासा के वैज्ञानिकों को यकीन है कि स्पेस क्राफ्ट की टक्कर से डिमॉरफोस पर असर जरूर पड़ा है। इम्पैक्ट सक्सेस का भी यही मतलब है, लेकिन इम्पैक्ट कितना पड़ा है इस पर बहुत जल्द नासा की रिपोर्ट सामने आ जाएगी।
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