Central Cabinet Meeting: किसानों के लिए मोदी सरकार ने किया बड़ा ऐलान, 35,000 करोड़ रुपये की ये योजना की शुरु

Central Cabinet Meeting: किसानों के लिए मोदी सरकार ने किया बड़ा ऐलान, 35,000 करोड़ रुपये की ये योजना की शुरु

Plan Announcement For Farmers: मोदी सरकार ने बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए। जिसमें एक देश एक चुनाव, अतंरिक्ष क्षेत्र की चार परियाजनाएं सहित कई अन्य योजनाएं शामिल थी। इसके अलावा मोदी सरकार ने किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है। किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए 35,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ पीएम-आशा योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है। गौरतलब है कि मोदी सरकार पिछले 10 सालों में किसानों के लेकर कई योजनाएं निकाल चुकी हैं। जिससे करोड़ों किसानों को फायदा भी मिल रहा है।

एमएसपी पर फसलों को खरीदने में मिलेगी

इससे राज्यों को ‘संकट’ बिक्री को रोकने के लिए किसानों से एमएसपी पर इन फसलों की अधिक खरीद करने में मदद मिलेगी। सरकार ने कहा, ‘‘हालांकि, सत्र 2024-25के लिए अरहर, उड़द और मसूर के मामले में यह सीमा लागू नहीं होगी क्योंकि 2024-25सत्र के दौरान अरहर, उड़द और मसूर की 100प्रतिशत खरीद होगी, जैसा कि पहले तय किया गया था।’’ केंद्र ने एमएसपी पर अधिसूचित दलहन, तिलहन और नारियल गरी (खोपरा) की खरीद के लिए मौजूदा सरकारी गारंटी को नवीनीकृत और बढ़ाकर 45,000करोड़ रुपये कर दिया है। इससे बाजार की कीमतें जब भी एमएसपी से कम होंगी, तो दलहन, तिलहन और खोपरा की अधिक खरीद में मदद मिलेगी। कृषि विभाग द्वारा किसानों से एमएसपी पर खरीद की जाएगी, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) के ई-समृद्धि पोर्टल और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) के ई-संयुक्ति पोर्टल पर पहले से पंजीकृत किसान शामिल हैं।

जमाखोरी और सट्टेबाजों को रोकने में मिलेगी मदद

यह योजना जमाखोरी और सट्टेबाजों को हतोत्साहित करने में मदद करेगी। जब भी बाजार में कीमतें एमएसपी से अधिक होंगी, तो बाजार मूल्य पर दालों की खरीद उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा की जाएगी, जिसमें नेफेड के ई-समृद्धि पोर्टल और एनसीसीएफ के ई-संयुक्ति पोर्टल पर पूर्व-पंजीकृत किसान शामिल होंगे। बफर रखरखाव के अलावा पीएसएफ योजना के तहत हस्तक्षेप टमाटर जैसी अन्य फसलों और भारत दाल, भारत आटा और भारत चावल की सब्सिडी वाली खुदरा बिक्री में किया गया है। राज्यों को अधिसूचित तिलहनों के लिए एक विकल्प के रूप में मूल्य घाटा भुगतान योजना (पीडीपीएस) के कार्यान्वयन की दिशा में आगे आने को प्रोत्साहित करने के लिए कवरेज को राज्य तिलहन उत्पादन के मौजूदा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है और किसानों के लाभ के लिए कार्यान्वयन अवधि को तीन से बढ़ाकर चार महीने कर दिया गया है।

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