नई दिल्ली: कोरोना वायरस से पूरी दुनिया घुटनों के बल आ गई है. जिसको लेकर देशभर में लॉकडाउन किया गया है. कोरोना को हराने के लिए सभी सरकारें पूरी कोशिश कर रही है. बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा एलान किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एम्स में कोरोना सेंटर बनाया जाएगा और CGHS मरीजों को एक साथ 3 महीने की दवा दी जाएगी.
वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने मजदूरों के पलायन को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि सभी राज्यों की सरकारें मजदूरों का पलायन रोके. मजदूरों का पलायन नहीं रोका जाएगा तो लॉकडाउन करने का कोई फायदा नहीं है. मजदूरों का पलायन रूकने से कोरोना को फैलने से कम किया जा सकता है.
बता दें कि लॉकडाउन की वजह से देहाड़ी मजदूरों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मजदूरों की देहाड़ी खत्म हो गई है. अब वह अपने गांव जाने लगे है. जिससे यूपी बॉर्डर पर मजदूरों की काफी भीड़ जमा हो गई है. यूपी सरकार ने मजदूरों को उनके गांव ले जाने के लिए बस की सुविधा उपलब्ध करा रखी थी. जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आपत्ति जताई थी. अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने मजदूरों का पलायन रोकने को कहा है.
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश के अन्य राज्यों में कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए जा रहे इंतजामों का जायजा लेने के लिए भी स्वास्थ्य मंत्रालय अग्रसर है. इसके लिए मंत्रालय ने सभी राज्यों में नोडल अधिकारी लगाए हैं. लव अग्रवाल ने बताया कि उन सभी नोडल अधिकारियों से स्वास्थ्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करेंगे. इस दौरान लॉकडाउन और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और तैयारियों पर बात होगी.
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