माइक्रोसॉफ्ट सीईओ ने कहा - दुखद है, जताई यह उम्मीद

माइक्रोसॉफ्ट सीईओ ने कहा - दुखद है, जताई यह उम्मीद

माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने नागरिकता कानून, 2019 पर दुख जताते हुए कहा है कि वह किसी बांग्लादेशी शरणार्थी को भारत में स्टार्ट अप खड़ा करते या इन्फोसिस के सीईओ बनते देखना चाहते हैं।

भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक नडेला ने कहा, 'मुझे लगता है कि जो भी हो रहा है, वह दुखद है, यह बुरा है मैं तो भारत आनेवाले बांग्लादेशी शरणार्थी को भारत में अगला यूनिकॉर्न बनाने या इन्फोसिस का अगला सीईओ बनते देखना पसंद करूंगा।' नडेला के इस बयान का प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने समर्थन किया है।

अमेरिकी शहर मैनहटन में संपादकों के साथ एक मीटिंग में उनसे भारत के नागरिकता संशोधन कानून पर सवाल पूछा गया। सवाल था, 'आपकी (माइक्रोसॉफ्ट) जैसी कंपनियों को सरकार के साथ डील करने में बड़ा दबाव झेलना पड़ रहा है। मैं जानना चाहता हूं कि भारत के नागरिकता कानून को लेकर आपकी क्या राय है और क्या आपको उस सरकार के साथ काम करने में दिक्कत हो रही है जिस तरह वह आंकड़ों का इस्तेमाल कर रही है?

इस सवाल के जवाब में उन्होंने आगे कहा, 'मैं यह नहीं कह रहा कि किसी देश को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता नहीं करनी चाहिए। देशों के बीच सीमाएं होती हैं और यह हकीकत है। मेरा मतलब है कि इमिग्रेशन इस देश का मुद्दा है, यह यूरोप और भारत का भी मुद्दा है, लेकिन ध्यान इस पर होना चाहिए कि कोई किस तरीके से यह तय करता है कि इमिग्रेशन क्या है, शरणार्थी कौन हैं, अल्पसंख्यक समूह कौन है?'

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