मनीष सिसोदिया की बढ़ीं मुश्किलें, दिल्ली आबकारी नीति में 5 अप्रैल तक बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत

मनीष सिसोदिया की बढ़ीं मुश्किलें, दिल्ली आबकारी नीति में 5 अप्रैल तक बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है। जहां एक तरफ बुधवार (22 मार्च) को राष्ट्रीय राजधानी में राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश के अनुसार 5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सिसोदिया को दिल्ली की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी रिमांड अवधि के अंत में शहर की अदालत में लाया था। सिसोदिया दिल्ली आबकारी नीति मामले में भी सीबीआई के निशाने पर हैं। सीबीआई ने उन्हें दिल्ली आबकारी नीति मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया था।

बता दे कि मनीष सिसोदिया को जीएनसीटीडी की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित धन शोधन मामले में रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद ईडी के हवाले कर दिया गया। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार (21 मार्च) को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने ईडी को नोटिस जारी किया और 25 मार्च तक जवाब मांगा है। इस बीच, मनीष सिसोदिया ने अदालत से आग्रह किया कि उन्हें न्यायिक हिरासत के दौरान कुछ धार्मिक और आध्यात्मिक पुस्तकें ले जाने की अनुमति दी जाए। कोर्ट का कहना है कि आप इस संबंध में अर्जी दें, हम अनुमति देंगे।

दिल्ली कैबिनेट में अपने सभी पदों से इस्तीफा देने वाले सिसोदिया को 9 मार्च को तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया गया था, जहां वह दिल्ली की आबकारी नीति में कथित 'हेरफेर' के लिए सीबीआई रिमांड में थे। सीबीआई ने 26 फरवरी को दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री और वित्त मंत्री को गिरफ्तार किया था।

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