Madhya Pradesh Government Crisis : MP में फ्लोर टेस्ट पर मामले पर SC का राज्य सरकार, कांग्रेस और बागी विधायकों को नोटिस
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश की राजनीतिक गलियारे में लगातार भूचाल मचा हुआ है. यहां की सियासत आए दिन नया मोड़ ले रही है. सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की रूख किया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर सीएम कमलनाथ, विधानसभा सचिव को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि आदेश की कॉपी, ईमेल, वाट्एसएप के माध्यम से बागी विधायकों को भी दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट फिलहाल बुधवार 10:30 बजे मामले में सुनवाई करेगी.
इससे पहले बेंगलुरु में डेरा डाले कांग्रेस के बागी विधायकों का बयान सामने आया था कि वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हैं और उनका इस्तीफा स्वीकार क्यों नहीं किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कि कोरोना वायरस के चलते विधानसभा 26 मार्च तक टालने का फैसला एक रणनीति के तहत किया गया है ताकि बागी विधायकों से और बातचीत करने का मौका मिल जाए. इसके बाद शिवराज इस मामले को लेकर सुप्रीन कोर्ट पहुंच गए. अब मामला सुप्रीम कोर्ट के पाले में हैं.
वहीं राज्यपाल ने सोमवार को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट करने के लिए कहा है. इस पर सीएम कमलनाथ ने कहा है कि बेंगलुरू में कैद किए गए उनके विधायकों को छुड़ाने् और खुले माहौल में ही फ्लोर टेस्ट संभव है. दरअसल सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण पढ़ने के दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ. जिसके बाद वह सदन से निकल गए. बाद में पता चला कि विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. 26 मार्च को ही राज्यसभा चुनाव है ऐसे में तब तक के लिए सदन स्थगित करना बीजेपी को रास नहीं आया. इसीलिए बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
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