CORONA : ‘सर्किट ब्रेक’ से कोरोना कैसे कम होता है, जानें

CORONA : ‘सर्किट ब्रेक’ से कोरोना कैसे कम होता है, जानें

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. कोरोना को देखते हुए सरकार लॉकडाउन के बाद ‘सर्किट ब्रेक’लगने की संभावना जताई जा रही है. वहीं सबसे पहले सर्किट ब्रेक कोरोना को काबू में लाने के सिंगापुर में लागू किया था. इसके बाद कोरोना को रोकने के लिए कई देशों ने सर्किट ब्रेक का उपयोग किया गया.

इसके साथ ही एक बार फिर यूरोप में कोरोना के मामले तजी से बढ़ने लगे है. ब्रिटेन में कोरोना को देखते हुए सरकार पूरे ब्रिटेन में कई तरह की पाबंदियां लगा सकती है. सरकार पूरे ब्रिटेन में 25 दिसंबर तक कई तरह के प्रतिबंध लगा सकती है. वहीं ब्रिटेन की सरकार कोरोना को कम करने के लिए सिंगापुर की तरह सर्किट ब्रेक भी लगा सकती है.

आइए जानते है कि कोरोना को सर्किट ब्रेक से कैसे कंट्रोल किया जा है   

कोरोना को कंट्रोल करने के लिए सर्किट ब्रेक लागू किया जाता है. सर्किट ब्रेक लॉकडाउन की तरह होता है. लेकिन यह कुछ समय के लिए होता है. इसे सिर्फ दो तीन हफ्ते के लिए लागू किया जाता है. उसे सर्किट ब्रेक कहा जा सकता है. इसका उपयोग सिंगापुर के साथ कई देशों ने किया है. लेकिन इस बात कि अभी तक पुष्टि नहीं हुई है. इसका उपयोग करने से कोरोना काम होता है या नहीं.

ब्रिटेन की सरकारी एंजेसी के रिर्पोट के मुताबिक एक रिपोर्ट में पता चला है कि दो हफ्ते के 'सर्किट ब्रेक' से इस साल देश में 3 हजार से लेकर 1 लाख 7 हजार तक मौतों को कम किया जा सकता है.

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