Bihar Politics: नीतीश सबके हैं... साल के शुरुवात में इस स्लोगन ने बिहार की राजनीति में खूब सुर्खियां बटोरी थी। पटना की सियासी गलियारों में भी अधिकत्तर राजनीतिक जानकार ये मानते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मोह भाजपा और राजद, दोनों ही दलों को रहता है। पिछले दो दशक की राजनीति में इसका नमूना भी देखने को मिला है। बिहार की राजनीति में सीएम नीतीश कुमार वो स्तंभ हैं, जिनके बिना सत्ता की कुर्सी खड़ी नहीं हो सकती है।
मंगलवार को बिहार में राजनीतिक चर्चा तब गर्म हो गई जब सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव करीब 8 महीनों बाद मुलाकात हुई। इस मुलाकात ने कई सुर्खियों को जन्म दिया तो वहीं कई अटकलें भी लगनी शुरु हो गई। हालांकि, जल्द ही तमाम अटकलों पर विराम भी लग गया। लेकिन माना जा रहा है कि अंदरखाने जरुर कुछ पक रहा है। दरअसल, राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपने तमाम विधायकों और विधान पार्षदों की बैठक बुलाई है।
क्यों हुई मुलाकात?
सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की मुलाकात पर लग रहे अटकलों को खुद नेता प्रतिपक्ष ने ही धवस्त कर दिया। जब उन्होंने इस मुलाकात की जानकारी देते हुए कहा कि न्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कुछ नियुक्तियां होनी हैं, जिस पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा हुई है। सरकार इस संबंध में विधिवत जानकारी देगी। दरअसल, सूचना आयुक्त के चुनाव की एक तय प्रक्रिया होती है। जिसमें सीएम, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और एक कैबिनेट मंत्री होते हैं।
हालांकि, ये मुलाकात इसलिए चर्चा में आई क्योंकि दोनों नेता 8 महीनों बाद वन-टू-वन मिलें। इसके अलावा दोनों नेताओं की मुलाकात तब हुई, जब विपक्ष लगातार जातिगत जनगणना करवाने की मांग कर रहा है और केंद्र सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। अटकलों का बाजार इसलिए भी गर्म हुआ क्योंकि कल देर रात लालू यादव सिंगापुर से पटना लौटे और अचानक से उन्होंने पार्टी के सभी विधायकों और विधान पार्षदों की बैठक बुला ली है।
लालू यादव ने बुलाई बैठक
सिंगापुर से इलाज करवा कर पटना लौटे राजद सुप्रीमो लालू यादव ने पार्टी के तमाम विधायकों और विधान पार्षदों को पटना आने का फरमान जारी कर दिया है। अब लालू यादव ने किस कारण किया है, इसकी साफ-साफ जानकारी सामने नहीं आई है। माना जा रहा है, जिस तरह प्रशांत किशोर की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और वो मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी का प्रयास कर रहे हैं। इससे राजद के अंदरखाने आनन-फानन की स्थिति बनी हुई है। राजद कुछ ही दिनों प्रदेश के सभी पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाने जा रही है। अभी तक ऐसी खबर नहीं आई है कि लालू यादव के द्वारा बुलाई गई बैठक बिहार की सत्ता परिवर्तन के संबंधित है।
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