Lakhimpur Violence: गिरफ्तार हुआ लखीमपुर कांड का 'खलनायक', जानें किन सवालों में उलझा आशीष मिश्रा

Lakhimpur Violence: गिरफ्तार हुआ लखीमपुर कांड का 'खलनायक', जानें किन सवालों में उलझा आशीष मिश्रा

नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्रीअजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को आखिरकार शनिवार देर रात 12 घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लखीमपुर खीरी जिला जेल भेज दिया है. आशीष की पुलिस रिमांड के लिए अर्जी दी गयी थी और अदालत ने इस अर्जी पर सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख तय की है.

आशीष मिश्रा को शनिवार को SITने पूछताछ के लिए बुलाया था. उनसे 12 घंटे तक एसआईटी ने सवाल-जवाब किए. कुछ सवालों के जवाब उन्होंने दिए, लेकिन कई सारे जवाब नहीं दिए.

मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व कर रहे पुलिस उप महानिरीक्षक (मुख्यालय) उपेंद्र अग्रवाल ने शनिवार रात लगभग 11 बजे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की जानकारी दी. उन्होंने बताया, 'आशीष ने पुलिस के सवालों का उचित जवाब नहीं दिया और जांच में सहयोग नहीं किया. वह सही बातें नहीं बताना चाह रहे हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया.'

सूत्रों के मुताबिक, लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा से ये पूछे गएसवाल-

सवाल-कार्यक्रम में आ रहे वीवीआईपी का रूट बदल गया है इसकी जानकारी क्या आपको थी?

आशीष मिश्रा- पहले जिस रूट से वीवीआईपी आ रहे थे उसकी जानकारी मुझे थी. बदले रूट के बारे में जानकारी कुछ देर पहले ही हुई थी.

सवाल-जिस वक्त ये घटना हुई उस वक्त तुम कहां थे?

आशीष मिश्रा-जिस वक्त ये घटना हुई उस समय मैं कार्यक्रम स्थल पर ही था. मैं दंगल का आयोजन करवा रहा था. वीवीआईपी के आने के इंतजामों में लगा हुआ था.

सवाल-दोपहर 2:36 से 3:30 के वक्त तुम कहां थे?

आशीष मिश्रा-मैं कार्यक्रम स्थल पर ही मौजूद था. कहीं नहीं गया था.

सवाल-लेकिन लोगों का कहना है कि तुम इस वक्त के दौरान गायब थे. कार्यक्रम में नहीं थे?

आशीष मिश्रा-नहीं, मैं कार्यक्रम स्थल पर ही मौजूद था. बीच-बीच में थोड़ी देर के लिए कार्यक्रम स्थल के बगल में बनी अपनी एक राइस मिल तक जाता था उसके बाद फिर वापस आ जा रहा था.

सवाल-जो थार जीप हिंसा में क्षतिग्रस्त हुई, जलाई गई उसको कौन चला रहा था? उसमें कौन-कौन बैठा था और पीछे की फॉर्च्यूनर स्कॉर्पियो किसकी थी?

आशीष मिश्रा-थार जीप मेरी है. हमारा ड्राइवर हरिओम मिश्रा चला रहा था. पीछे फॉर्च्यूनर हमारे मित्र और बीजेपी कार्यकर्ता अंकित दास की है. वो मुख्य अतिथि को कार्यक्रम स्थल तक लाने के लिए निकले थे. लेकिन कहां गए मुझे नहीं पता. घटना के बाद से ही वो मेरे संपर्क में नहीं है.

सवाल-तुम तीनों गाड़ियों में से कौन सी गाड़ी में थे?

आशीष मिश्रा- मैं कह चुका हूं कि मैं कार्यक्रम स्थल पर ही था. मैं कार्यक्रम छोड़कर कहीं नहीं गया.

सवाल-प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि थार जीप तुम ही चला रहे थे?

आशीष मिश्रा- नहीं, थार जीप में मैं नहीं था. मैं किसी भी गाड़ी में नहीं था. मैंने इन गाड़ियों को वीवीआईपी को लाने के लिए भेजा था.

सवाल-अगर तुम घटनास्थल पर नहीं थे तो फिर एफआईआर दर्ज होने के बाद गायब क्यों हो गए थे? बीते 48 घंटे में तुम कहां-कहां रहे?

आशीष मिश्रा-मैं गायब नहीं हुआ था. मैं जिले में ही था. मैं अपने गांव बलबीर पुर में ही था. मेरी कुछ तबीयत खराब हो गई थी इसलिए आराम कर रहा था.

सवाल-जिस वक्त हिंसा हुई, कार्यक्रम स्थल पर थे उसका कोई सबूत क्यों नहीं है?

आशीष मिश्रा- मैं पूरे कार्यक्रम के दौरान वहीं मौजूद था. कहीं नहीं गया. मुझे नहीं पता था कि हिंसा में मेरा नाम आ जाएगा. पूरे कार्यक्रम के वीडियो जो मुझे मिले हैं मैंने आपको दिए हैं.

सवाल-गाड़ी के अंदर से दो कारतूस मिले हैं. ये किसके हैं? कौन असलहा लेकर चलता है? किसको असलहे से लैस कर तुमने कार्यक्रम के लिए भेजा था?

आशीष मिश्रा-मैं जब गाड़ी में रहता हूं तब अपने असलहे लेकर चलता हूं. लेकिन जब मैं नहीं रहता तो गाड़ी में कोई असलहा नहीं रहता

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