लखनऊ में आज किसान महापंचायत, अहम मांगों के साथ रणनीति का होगा एलान

लखनऊ में आज किसान महापंचायत, अहम मांगों के साथ रणनीति का होगा एलान

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भले ही तीन कृषि कानूनों को वापस किए जाने की घोषणा हो गई हो पर किसान अभी आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं है।आज लखनऊ में महापंचायतहोने जा  रही है| जिसमें किसान आगे की रणनीति तय करेंगे। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत संयुक्त किसान मोर्चा के अधिकतर पदाधिकारी इस पंचायत में भाग लेंगे।

राकेश टिकैट इस महापंचायत को संबोधित करेंगे| उन्होंने रविवार को ट्वीट कर MSP पर गारंटी के कानून के लिए किसानों से जुटने की अपील की थी|इससे पहले रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर 6 मांगें उठाई थीं|उन्होंने कहा कि अभी आंदोलन खत्म नहीं होगा|राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार हमारी कई और मांगें पूरी करे| पीएम मोदी को लिखे खुले खत में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने लिखा है कि कृषि कानूनों को रद्द करना इस आंदोलन की एकमात्र मांग नहीं थी|सरकार के साथ बातचीत में हमने शुरू से ही तीन मांगें उठाई हैं|हालांकि, इस खत में किसान संगठन ने 3 और मांगें जोड़ी हैं और कुल 6 मांगें पूरी करने के लिएपूरी करने के लिए पीएम मोदी को खत लिखा है|

क्या है किसानों की 6 मांगें?

1. MSP पर कानून बनाया जाए,ताकिदेश के हर किसान को अपनी पूरी फसल पर कम से कम सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी हो सके|

2. सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक 2020-21 के ड्राफ्ट को वापस लिया जाए|बातचीत के दौरान सरकार ने इस बिल के ड्राफ्ट को वापस लेने का वादा किया था| लेकिन फिर वादाखिलाफी करते हुए इसे संसद की कार्यसूची में शामिल किया गया था|

3. "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम, 2021" में किसानों को सजा देने के प्रावधान हटाए जाए|

4. दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और अनेक राज्यों में हजारों किसानों को इस आंदोलन के दौरान (जून 2020 से अब तक) सैकड़ों मुकदमों में फंसाया गया है|इन केसों को तत्काल वापस लिया जाए|

5. लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार और सेक्शन 120B के अभियुक्त अजय मिश्रा टेनी आज भी खुले घूम रहे हैं और आपके मंत्रिमंडल में मंत्री बने हुए हैं|वह आपके और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ मंच भी साझा कर रहे हैं|उन्हें बर्खास्त और गिरफ्तार किया जाए|

6. आंदोलन के दौरान अब तक लगभग 700 किसान शहीद हो चुके हैं. उनके परिवारों के मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए| शहीद किसानों की स्मृति में एक शहीद स्मारक बनाने के लिए सिंधू बॉर्डर पर जमीन दी जाय|

Leave a comment