सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर किरेन रिजिजू ने संभाला सत्तापक्ष का मोर्चा, बोले- एनडीए के पास बहुमत

सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर किरेन रिजिजू ने संभाला सत्तापक्ष का मोर्चा, बोले- एनडीए के पास बहुमत

No Confidence Motion Aganist Rajyasabha Chairman: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने के फैसले पर अब सियासी पारा हाई हो गया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा है कि 'बहुमत एनडीए के पास है। प्रस्ताव निरस्त हो जाएगा। हम सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह के प्रस्ताव को स्वीकार न किया जाए।

कांग्रेस का रिजिजू पर निशाना  

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि दोनों सदन सरकार नहीं चलाना चाहती है। सोमवार को किरेन रिजिजू ने खुद कहा था कि जब तक आप लोकसभा में अडानी का मु्द्दा उठाते रहेंगे, हम राज्यसभा को चलने नहीं देंगे। जिसके बाद जयराम रमेश ने कहा कि मैंने पहली बार देखा कि इस तरह का बयान संसदीय कार्य मंत्री की तरफ से सभापति के सामने दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष को नजरअंदाज किया जाता है।

बीजू जनता ने किया किनारा              

गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 60सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। यह पहला मौका है, जब राज्यसभा के चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इसके पहले मॉनसून सत्र में भी धनखड़ृ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विपक्षी दलों ने प्रयास किया था लेकिन, बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। इस बार अविश्वास प्रस्ताव की पहल कांग्रेस ने की। इसमें उसे टीएमसी, आम आदमी पार्टी, आरजेडी, जेएमएम और डीएमके के सांसदों का भी साथ मिला। हालांकि बीजू जनता दल ने इससे किनारा कर लिया है।

14 दिन पहले नोटिस देना जरूरी

नियम के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 14दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। इसके अलावा किसी प्रस्ताव को लाने के लिए कम से कम 50सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है। अगर ये प्रस्ताव राज्यसभा में बहुमत से पारित हो जाता है, तो इसे लोकसभा में भेजा जाता है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो फिलहाल इस प्रस्ताव के पारित होने की उम्मीद नहीं है। राज्यसभा में विपक्ष के पास 103 सीटें हैं और प्रस्ताव को पारित कराने के लिए 126 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है।              

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