राजस्थान के बाद दिल्ली में होगा हाई वोल्टेज ड्रामा, सोनिया गांधी ले सकती है बड़ा फैसला

राजस्थान के बाद दिल्ली में होगा हाई वोल्टेज ड्रामा,  सोनिया गांधी ले सकती है बड़ा फैसला

नई दिल्ली: ‘एक चेहरे एक पद की नीति’ के तहत पार्टी सीएम पद के नए चहरे के लिए रविवार को सीएम अशोक गहलोत के निवास पर विधायकों की बैठक होने वाली थी। लेकिन बैठक से पहले ही देर रात पार्टी में हाई वोलटेज ड्रामा शुरु हो गया। पार्टी के दो गुट आपस में भीड़ गए और दोनों पार्टी के बीच कहा सुनी भी हो गई। जिसमें अशोक गहलोत खेमे के 90 विधायकों ने देर रात विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस्तीफा सौंप दिया।

बता दें, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इसके बाद से चर्चा थी कि गहलोत के अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा और उनकी जगह सचिन पायलट लेंगे। सोनिया गांधी ने इसके लिए सचिन पायलट और अशोक गहलोत से बात भी की थी। हालांकि, सचिन पायलट को लेकर कोई ऐलान होता, उससे पहले ही राजस्थान में बगावत हो गई और अशोक गहलोत खेमे के करीब 90विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। आपको बता दें, राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018में कांग्रेस की जीत के हीरो बने सचिन पायलट ने जुलाई 2020में भी सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया था। तब चर्चा थी कि पायलट अपने समर्थित विधायकों को लेकर बीजेपी में जा सकते हैं। तब दावा किया गया था कि 30विधायक पायलट के साथ हैं। हालांकि पार्टी हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद दोनों खेमे में सहमति बन गई थी।

दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर देर रात तक माकन और खड़गे ने विधायकों को मनाने की कोशिश भी की पर बात नहीं बनी और सभी विधायक अपने घर चले गए। सूत्रों के मुताबिक घर जाने से पहले विधायकों ने आलाकमान के सामने तीन शर्तें रखी हैं। सूत्रों ने बताया कि नाराज विधायकों का कहना है कि जब तक इस बात पर सहमति नहीं बनेगी तबतक कोई विधायक बैठक में शामिल नहीं होगा। AICC पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन दोनों आज दिल्ली जाएंगे और शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपेंगे। नाराज विधायक पर्यवेक्षकों से मिलने के लिए तैयार नहीं हैं। हाईकमान से चर्चा के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को एक एक विधायक से बात करके विवाद सुलझाने के निर्देश दिए थे। लेकिन वे असफल हो गए। उधर, राहुल गांधी ने भी राजस्थान मामले की जानकारी ली है। उन्होंने केरल से केसी वेणुगोपाल को दिल्ली भेजा है। वेणुगोपाल दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।

राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी राजनीतिक ड्रामे के बीच, भाजपा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का संकेत दिया। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि, “इतनी अनिश्चितता तो आज भारत-आस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच में भी नहीं है जितनी राजस्थान की कांग्रेस पार्टी में नेता को लेकर है। विधायकों की बैठकें अलग चल रही हैं, इस्तीफों का सियासी पाखंड अलग चल रहा है। ये क्या राज चलाएंगे, कहां ले जाएंगे ये राजस्थान को, अब तो भगवान बचाए राजस्थान को।” राजस्थान में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा कि राजस्थान में मौजूदा स्थिति राष्ट्रपति शासन की ओर संकेत दे रही है। उन्होंने पूछा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आप ड्रामा क्यों कर रहे हैं? कैबिनेट के इस्तीफे के बाद देर क्यों? आपको भी इस्तीफा दे देना चाहिए।

आपको बता दें, राजस्थान में कोटल 200विधानसभा सीटें है, जिसमें 

कांग्रेस-108 विधायक

बीजेपी -  70

निर्दलीय - 13

आरएलपी -  3

माकपा -  2

बीटीपी - 2

आरएलडी – 1

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