HEALTH TIPS: अब एक कैंडी खाने से ठीक होगा मलेरिया!

HEALTH TIPS: अब एक कैंडी  खाने से ठीक होगा मलेरिया!

नई दिल्लीमलेरिया वैश्विक स्तर पर एक चुनौती बना हुआ है। मलेरिया से लड़ने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक अपनी-अपनी खोजो में लगे हुए है। इसी कड़ी में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक टीम ने मलेरिया के इलाज के लिए एक अनोखी दवा कैंडी विकसित की है।हां, आपने सही पढ़ा है।

आपके बता दो कि, प्राकृतिक चीनी अल्कोहल कैंडीज को मलेरिया के खिलाफ प्रभावी पाया गया है और इसे पांच साल से कम उम्र के बच्चों में इस्तेमाल किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने एरिथ्रिटोल की पहचान की है।जिसे आमतौर पर स्वीटनर के रूप में और एक शक्तिशाली एंटीमाइरियल के रूप में उपयोग किया जाता है। एरिथ्रिटोल एक कार्बनिक यौगिक है जिसका उपयोग खाद्य योज्य और चीनी के विकल्प के रूप में किया जाता है। जेएनयू के स्पेशल सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर मेडिसिन की प्रोफेसर शैलजा सिंह ने अपने नए निष्कर्षों के बारे में कहा, "जब आप सिर्फ कैंडी वाले बच्चों में मलेरिया का इलाज कर सकते हैं तो परेशान क्यों हों,हम यही करना चाहते हैं।"

प्रीप्रिंट BioXRiv में प्रकाशित अध्ययन में बीमारी के खिलाफ बेहतर सुरक्षा देने के लिए मौजूदा मलेरिया-रोधी दवाओं के संयोजन में साधारण प्राकृतिक चीनी अल्कोहल कैंडी का उपयोग करने का प्रस्ताव है। मलेरिया प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है। जो संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से लोगों में फैलता है। अध्ययन के अनुसार, एरिथ्रिटोल मलेरिया परजीवी एक्वापोरिन चैनल से जुड़ता और गुजरता है और मलेरिया परजीवी के विकास को रोकता है। एरिथ्रिटोल, जो स्वाभाविक रूप से होता है, एंजाइम और किण्वन का उपयोग करके मकई से भी बनाया जा सकता है और यह चार-कार्बन चीनी है जो स्वाभाविक रूप से शैवाल, कवक और लाइकेन में पाई जाती है।

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