Jammu Kashmir Election: भाजपा ने उम्मीदवारों की छठी लिस्ट की जारी , पांच मुस्लिम प्रत्याशी पर भी लगाया दांव

Jammu Kashmir Election: भाजपा ने उम्मीदवारों की छठी लिस्ट की जारी , पांच मुस्लिम प्रत्याशी पर भी लगाया दांव

Jammu Kashmir: जम्मू- कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की छठी सूची जारी की है। छठी लिस्ट में 10 प्रत्याशीयों के नाम का ऐलान किया गया है। बता दें कि भाजपा ने उधमपूर पूर्व से एस. पठानिया को उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले भाजपा पांच उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी है। भाजपा की छठी लिस्ट में पांच मुस्लिम उम्मीदवारों पर भी दांव लगाया गया है।
 
इन पांच मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट      
    
भाजपा ने पांच मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है। जिसमें करनाह से इदरीस करनाही, हंदवाड़ा से गुलाम मोहम्मद मीर, सोनावारी से अबिदुल रशीद खान, बांदीपोरा से नसीर अहमद लोन और गुरेज(अजजा) से फकीर मोहम्मद खान को मैदान में उतारा है। वहीं अन्य पांच  सीटें जिसमें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट कठुआ से डॉ भरत भूषण। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट बिश्नाह से राजीव भगत, बाहु से विक्रम रंधावा और मढ़ (अजा) से सुरिंदर भगत को उम्मीदवार बनाया गया है।                
 
जम्मू और कश्मीर में कितनी सीटें  ? 
 
जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। बता दें कि 47 सीटें कश्मीर और 43 सीटें जम्मू रीजन में हैं। परिसीमन से पहले की बात करें तो 2014 के चुनाव तक 87 सीटें हुआ करती थीं जिनमें 46 सीटें कश्मीर में और 37 सीटें जम्मू में थी। चार सीटें लद्दाख में हुआ करती थीं। राज्य के दर्जे में हुए बदलाव के बाद लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है। इसके बाद हुए परिसीमन में जम्मू में छह, कश्मीर में एक सीट बढ़ी है।      
 
अमित शाह ने जारी किया था संकल्प पत्र                                                                                                           
 
आपको बता दें कि शुक्रवार यानी 6 सितंबर को भाजपा ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर अपना संकल्प पत्र जारी किया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी का संकल्प पत्र जारी किया था। उन्होंने कहा था कि आजादी के समय से हमारी पार्टी के लिए जम्मू कश्मीर का भूभाग महत्वपूर्ण रहा है। हमने इसे जोड़े रखने के लिए अथक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 इतिहास बन चुकी है, ये कभी वापस नहीं आ सकती। क्योंकि यह वो विचारधारा थी जो युवाओं के हाथ में पत्थर देती थी। 

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