आज लॉन्चिंग के साथ ही ISRO का नया रिकॉर्ड

आज लॉन्चिंग के साथ ही ISRO का नया रिकॉर्ड

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो आज यानी 11 दिसंबर को ताकतवर राडार इमेजिंग सैटेलाइट रीसैट-2बीआर1 को लॉन्च करेगा। लॉन्चिंग के बाद देश की सीमाओं पर नजर रखना आसान हो जाएगा।

ये सैटेलाइट रात के अंधेरे और खराब मौसम में भी काम करेगा। यानी धरती पर कितना भी मौसम खराब हो। कितने भी बादल छाए हों, इसकी निगाहें उन घने बादलों को चीरकर सीमाओं की स्पष्ट तस्वीर ले पाएगी।

इतना ही नहीं, इस लॉन्चिंग के साथ ही इसरो के नाम एक और रिकॉर्ड बन जाएगा। ये रिकॉर्ड है - 20 सालों में 33 देशों के 319 उपग्रह छोड़ने का। 1999 से लेकर अब तक इसरो ने कुल 310 विदेशी सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में स्थापित किए हैं। आज के 9 उपग्रहों को मिला दें तो ये संख्या 319 हो जाएगी। ये 319 सैटेलाइट्स 33 देशों के हैं।

कॉमर्शियल लॉन्चिंग को लेकर इसरो की क्षमता में साल दर साल इजाफा हुआ है। सबसे पहला कॉमर्शियल लॉन्च 26 मई 1999 को पीएएसएलवी-सी2 से किया गया था। इस लॉन्चिंग में जर्मनी और दक्षिण कोरिया के एक-एक सैटेलाइट्स छोड़े गए थे। 90 के दशक में दो विदेशी उपग्रह लॉन्च किए गए।

आरआईसैट-2बीआर1 में लगे खास सेंसर की वजह से सीमापार आतंकियों के जमावड़े की भी सूचना पहले ही मिल जाएगी। 22 मई को लॉन्च किया गया आरआईसैट-2बी पहले से ही देश की खुफिया आंख के तौर पर निगरानी का काम कर रहा है। इसके अलावा पीएसएलवी के साथ जाने वाले 9 दूसरे सैटेलाइट विदेशी हैं, जिनमें अमेरिका के 6, इस्राइल का 1, इटली का 1 और जापान का 1 सैटेलाइट है।

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