Isreal Attack On Iran: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने भारत में मुसलमानों को लेकर बयान दिया था। जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने मुहतोड़ जवाब दिया था। अब लगे हाथ इजरायल ने भी तीखा हमला कर दिया है। भारत में इजरायल के राजदूत रियुवेन अजार ने भी मुसलमानों पर टिप्पणी के लिए खामेनेई को आड़े हाथों लिया है। अजार ने कहा कि भारत में मुसलमानों के पास आजादी है लेकिन ईरान में नहीं है।
इजरायली राजदूत ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि ईरान अपने ही लोगों के हत्यारे और अत्याचारी हैं। इजरायल, भारत और सभी लोकतंत्रों में मुसलमानों के पास आजादी है। जो कि ईरान में नहीं है। मैं आशा करता हूं कि ईरान के लोग जल्द आजाद होंगे।
खामेनेई ने कि थी भारत विरोधी टिप्पणी
बता दें कि पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के अवसर पर खामेनेई ने भारत विरोधी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि भारत, म्यांमार, गाजा में मुसलमान पीड़ित हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा था कि इस्लाम के दुश्मनों ने हमेशा हमारी साझा पहचान को उदासीन बनाने की कोशिश की है। अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर मुसलमान को होने वाली पीड़ा से अनजान हैं। तो हम खुद को मुसलमान नहीं मान सकते।
ईरान में कैसे हैं अल्पसंख्यकों के हालात
बता दें कि शिया मुस्लिम बहुल ईरान में अल्पसंख्यक बेहद ही खराब हालत में जी रहे हैं। ईरान की कुल आबादी में सुन्नी मुसलमानों की हिस्सा 5-10 फीसदी है। सुन्नी मुसलमानों को राजनीति में उतना प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है। जितने के वो हकदार हैं। अमेरिका स्थित थिंक टैंक 'द वाशिंगटन इंस्टिट्यूट' के फीरका फॉर्म ने एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसके मुताबिक 1980 से अब तक केवल छह सुन्नी सांसद चुने गए हैं। गौरतलब है कि 1980 में ईरानी मजलिस की स्थापना हुई थी। सुन्नी सांसदों की जीत महज उन जिलों में हुई जहां की आबादी सुन्नी बहुल थी। जैसे सिस्तान-बलूचिस्तान और कुर्दिस्तान प्रांतों के जिले।
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