अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस: अपने को समर्पित कर दूसरों की सेवा करना कोई इनसे सिखे, कर्मनिष्ठ सेवा की एक मूरत

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस: अपने को समर्पित कर दूसरों की सेवा करना कोई इनसे सिखे, कर्मनिष्ठ सेवा की एक मूरत

नई दिल्ली: आज पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मना रहा है. हर वर्ष 12मई के दिन दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है. एक व्यक्ति के जीवन को बचाने में जितना महत्वपूर्ण एक डॉक्टर है, उतनी ही महत्वपर्ण नर्स भी है. एक मरीज के जीवन को बचाने में जितना योगदान डॉक्टर देता है, उतना ही योगदान को नर्स भी देती है. नर्स मरीजो की तन और मन से सेवा करती है. नर्से अपनी परवाह किए बिना मरीज की जान का रक्षा करती हैं. यह दिन उनके योगदान को समर्पित होता है.

साल 1965से, अंतर्राष्ट्रीय नर्स परिषद (आईसीएन) द्वारा इस दिन को मनाया है. जनवरी 1974में, 12मई को आधिकारिक तौर पर 'अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस' के रूप में घोषित किया गया. क्योंकि इस तिथि पर फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था. वह एक इंग्लिश नर्स, एक समाज सुधारक और एक स्टैटस्टिशन थीं, जिन्होंने आधुनिक नर्सिंग के प्रमुख स्तंभों की स्थापना की. 1998से 8मई को राष्ट्रीय छात्र नर्स दिवस मनाया जाता है और 6मई से 12मई तक राष्ट्रीय नर्स सप्ताह चलता है.

इस वर्ष कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए, अंतर्राष्ट्रीय नर्स परिषद ने अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस 2021की थीम नर्स: ए वॉयस टू लीड - ए विजन फॉर फ्यूचर हेल्थकेयर रखी है. जिसका अर्थ है, भविष्य की स्वास्थ्य सेवा के लिए नर्स का नेतृत्व बहुत महत्वपूर्ण है. 2021में, इस थीम के द्वारा यह दिखाना चाहते हैं कि नर्सिंग भविष्य में कैसे दिखेगी और साथ ही साथ कैसे पेशे स्वास्थ्य सेवा के अगले चरण को बदल देगी.

इस कोरोना महामारी के दौर में नर्सों के योगदान को देखा जा सकता. पिछले एक वर्ष से कोरोना मरीजों की सेवा में नर्सों की अपरिहार्य योगदान को हम नजरअदाज़ नहीं कर सकते है. को प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे मरीजों को मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और चिकित्सीय तौर पर फिट होने में मदद करें. नर्सें हमारे चिकित्सा संस्थानों में एक आवश्यक भूमिका निभाती हैं. जैसे कि मरीजों की सुरक्षा या मदद देना आदि.

इस दिन नर्सों के योगदान को रेखांकित किया जाता है. इससे दुनिया नर्सों के महत्व से अवगत होती है. नर्सों को समाज में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. हर साल 12मई को राष्ट्रीमय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार दिया जाता है.

परिवार एवं कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 1973 में की थी. अब तक कुल 250 के करीब नर्सों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया चुका है. यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है.

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