Anti-Drug Day2021: नशे की गिरफ्त में देश की युवा पीढ़ी, अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाने का क्या है महत्व, जानें

Anti-Drug Day2021: नशे की गिरफ्त में देश की युवा पीढ़ी, अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाने का क्या है महत्व, जानें

नई दिल्ली: आज पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मना रहा है. हर वर्ष 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया जाता है. आज देश ही नहीं दुनियाभर के युवा बड़ी तेजी से नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं. नशा, एक ऐसी बीमारी है जो कि युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में  ले रहा है. शराब, सिगरेट, तम्बाकू एवं ड्रग्स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग का एक बड़ा हि‍स्सा नशे का शिकार हो रहा है. देश की युवा पीढ़ी अगर गलत रास्ते चले जाए तो निश्चित तौर पर देश का भविष्य अंधकार के गर्त में चला जाएगा.

बता दे कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर 1987 नशीली वस्तुओं और नशीली पदार्थों के निवारण हेतु प्रस्ताव पारित किया था. जिसके बाद से ही 26 जून को हर साल ‘अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया था. इसी के साथ बता दे कि लिन ज़ेक्सू के हुमेन, ग्वांगडोंग में अफीम व्यापार को समाप्त करने की याद में है, इस तारिख को चुना गया है. इस दिन लोगों में अभियान, रैलियां, पोस्टर डिजाइनिंग और कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन को विभिन्न देशों के लोग एक साथ मनाते हैं.

नशे की लत ने इंसान को उस स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब व्यएक्तिै मादक पदार्थों के सेवन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, वह नशे के लिए जुर्म भी कर सकता है. इसी मौके पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मैं उन सभी लोगों की सराहना करता हूं जो हमारे समाज से नशीले पदार्थों के खतरे को खत्म करने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं. जीवन बचाने के लिए सभी प्रयास महत्वपूर्ण है.

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