INTERNAL BLEEDING: शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है खतरनाक, ये लक्षण न करें नजरअंदाज

INTERNAL BLEEDING: शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है खतरनाक, ये लक्षण न करें नजरअंदाज

नई दिल्ली: जब कभी हमें चोट लगती हैं तो खून आने लगता है। जिससे हमें अंदाजा लग जाता है कि चोट कितनी गहरी है या नहीं। लेकिन बहुत बार तेज चोट लगने के बाद भी खून बाहर आने की बजाय शरीर के अंदर रहता है या रक्त का रिसाव होता है। तो इसे इंटरनल ब्लीडिंग कहता जाता है।

ऐसे में इंटरनल ब्लीडिंग कई तरह की हो सकती है और इसमें हमें पता ही नहीं चलता कि ब्लीडिंग किस लेवल पर हो रही है। कई बार इंटरनल ब्लीडिंग काफी खतरनाक हो सकती है इसलिए यह जानना हमारे लिए बेहद जरूरी है कि शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग क्यों होती है और इसका पता कैसे लगाया जा सकता है। आइये जानते है शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग क्यों होती है और इसका पता कैसे लगाया जा सकता है।

इंटरनल ब्लीडिंग क्या होती है?

जब ब्लड वेसल्स से ब्लड बाहर निकलता है लेकिन ये शरीर के किसी भी बाहरी हिस्से पर नजर नहीं आता है बल्कि शरीर के अंदर ही जमा होता है तब उसको इंटरनल ब्लीडिंग कहते हैं। इंटरनल ब्लीडिंग का पता आमतौर पर बाहर से नहीं चलता है। यह कितना खतरनाक है यह इस बात पर डिपेंड करता है कि इंटरनल ब्लीडिंग कहां हो रही है।

ये हैं इंटरनल ब्लीडिंग का कारण

इंटरनल ब्लीडिंग के कई कारण हो सकते हैं। किसी भी तरह की चोट लगने पर इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है। इसके अलावा शरीर के अंदर किसी तरह की बीमारी या फिर कमी की वजह से भी इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है। जब शरीर में फ्रैक्चर होता है यानी हड्डियां टूटती हैं तब भी भारी मात्रा में इंटरनल ब्लीडिंग की संभावना होती है। हीमोफीलिया की कंडीशन में भी बॉडी में इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है। चिकनगुनिया और डेंगू जैसे कुछ बुखार भी हैं जिनके होने पर इंटरनल ब्लीडिंग के चांसेस बढ़ जाते हैं।

इंटरनल ब्लीडिंग के लक्षण

1. चक्कर आना

2. तेज सिर दर्द

3. आंखों की रोशनी कम होना

4. सांस लेने में तकलीफ

5. हाथ पैरों में झनझनाहट

6. उल्टी आना

7. जरूरत से ज्यादा पसीना आना

 इंटरनल ब्लीडिंग का इलाज

आमतौर पर इंटरनल ब्लीडिंग कोई मेडिकल इमरजेंसी नहीं होती है लेकिन अगर इंटरनल ब्लीडिंग सिर में हो रही है या फिर बॉडी के किसी पार्ट में ब्लड क्लोटिंग हो रही है तब आपको बिना देर किए डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। एक्स रे, सीटी स्कैन के जरिये डॉक्टर इसका पता लगा सकते हैं। माइनर ब्लीडिंग में डॉक्टर आपको कुछ दिन का मेडिकेशन और कुछ दिनों तक आराम करने की सलाह दे सकते हैं और अगर ब्लीडिंग गंभीर है तो फिर सर्जरी भी की जा सकती है।

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