Indian Gov On Adani Row: अडानी समूह के मुखिया और दुनिया के जाने-माने बिजनेसमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे समेत 8 लोगों पर अमेरिकी कोर्ट में रिश्वत देने और धोखाधड़ी मामले में केस दर्ज हुआ। जिसके बाद कोर्ट ने अरेस्ट वारेंट जारी किया। ये खबर सामने आते ही भारत में विपक्ष ने बवाल काट रखा है। पिछले तीन दिनों से विपक्षी दलों ने अडानी प्रकरण पर संसद ठप कर रखा है। इस बीच भारत सरकार का बड़ा बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय ने इस मामले की कोई भी जानकारी अमेरिकी प्रशासन से ना मिलने की बात कही है।
गौरतलब है कि, गौतम अडानी उनके भतीजे सहित 8 लोगों पर पिछले दिनों रिश्वत देने और इन्वेस्टर्स को धोखे में डाल कर उनसे कर्ज लेने का आरोप लगा है। अमेरिकी कोर्ट में यह मामला चल रहा है। साथ ही मिली जानकारी के अनुसार, बीते दिनों गौतम अडानी सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारेंट भी जारी किया गया। इसका असर गौतम अडानी के शेयरों में भी दिखा। हालांकि, ये मामला सामने आने के बाद अडानी समूह के द्वारा स्पष्टीकरण भी सामने आया। अडानी समूह ने अपने चेयरमैन पर लगे तमाम आरोपों को खारिज कर दिया है।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस मुद्दे के बारे में भारत सरकार को पहले से सूचित नहीं किया गया था। हमने इस मामले पर अमेरिकी सरकार से कोई बातचीत भी नहीं की है। किसी विदेशी सरकार द्वारा समन/गिरफ्तारी वारंट की तामील के लिए किया गया कोई भी अनुरोध आपसी कानूनी सहायता का हिस्सा है। ऐसे अनुरोधों की योग्यता के आधार पर जांच की जाती है। हमें इस मामले में अमेरिकी पक्ष से कोई अनुरोध नहीं मिला है। यह एक ऐसा मामला है जो निजी संस्थाओं से संबंधित है और भारत सरकार इस समय कानूनी रूप से किसी भी तरह से इसका हिस्सा नहीं है।
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि गौतम अदाणी का मामला कानूनी है। इसमें निजी फर्म, व्यक्ति और अमेरिकी न्याय विभाग शामिल हैं। ऐसे मामलों के लिए कुछ तय प्रक्रिया और कानूनी रास्ते हैं। हमें विश्वास है कि इनका पालन किया जाएगा।
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