मथुरा में मस्जिद पर बाबा रामदेव ने दी प्रतिक्रिया, कहा- 'ये तो श्री कृष्ण की जन्मभूमि है मस्जिद का क्या काम'

मथुरा में मस्जिद पर बाबा रामदेव ने दी प्रतिक्रिया, कहा- 'ये तो श्री कृष्ण की जन्मभूमि है मस्जिद का क्या काम'

Yoga Guru Swami Ramdev: योग गुरु स्वामी रामदेव ने मथुरा और काशी में चल रहे मस्जिद विवाद पर अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि मथुरा, जो श्री कृष्ण की जन्मभूमि है, वहां मस्जिद का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "हमारे ऐतिहासिक तीर्थ स्थलों पर विवाद नहीं होना चाहिए, क्योंकि अगर विवाद बढ़ेगा तो देश के भाईचारे को खतरा हो सकता है।"

स्वामी रामदेव ने आगे कहा कि हमें मथुरा और काशी जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर विवाद नहीं करना चाहिए। मथुरा श्री कृष्ण की जन्मभूमि है और काशी में भगवान भोलेनाथ का मंदिर है। वे मानते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद कभी भी किसी मस्जिद का नाम नहीं हो सकता, और यह हमें हमारे सनातन धर्म की याद दिलाता है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे बड़े दिल से आगे आएं और इन विवादों को सुलझाने में सहयोग करें।

मथुरा और काशी में मस्जिद विवाद का इतिहास

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद पर 1991से मुकदमा चल रहा है, और 2021के बाद से इस मामले में नए मोड़ आए हैं। 2024की शुरुआत में, पांच महिलाओं ने मंदिर में मूर्तियां होने का दावा किया था और पूजा करने की अनुमति मांगी थी। फरवरी 2024में उन्हें पूजा की अनुमति भी मिल गई थी। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसे उपासना स्थल कानून का उल्लंघन नहीं माना।

मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का कहना है कि यह भगवान कृष्ण के जन्मस्थल पर बनाई गई थी। 2020में छह भक्तों ने इस मस्जिद को हटाने की याचिका दायर की थी। इस मामले में अब तक 18याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगस्त 2024में इन याचिकाओं को उपासना स्थल कानून के खिलाफ नहीं माना, और सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024में इस पर अंतरिम रोक लगा दी।

स्वामी रामदेव ने इस विवाद को भाईचारे के दृष्टिकोण से सुलझाने की आवश्यकता जताई है, ताकि शांति बनी रहे और धार्मिक स्थलों पर विवाद कम हो।

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