Rajasthan Election 2023: राजस्थान में BJP का किंग कौन? जानें CM बनने की रेस में कौन है आगे

Rajasthan Election 2023: राजस्थान में BJP का किंग कौन? जानें CM बनने की रेस में कौन है आगे

Rajasthan Election 2023: राजस्थान में वोटों की गिनती की तारीख बेहद करीब है, हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि 3 दिसंबर को चुनाव आयोग चुनाव नतीजों में किसकी जीत का ऐलान करेगा। हालांकि, इस बीच यह भी संशय बना हुआ है कि क्या BJPजीत का ताज पहनेगी। कौन होगा CM यानी मुख्यमंत्री?

दरअसल, विधानसभा चुनाव 2023 की घोषणा के बाद से ही BJPद्वारा वसुंधरा राजे को दरकिनार करने की चर्चाएं चल रही हैं। BJPने अपनी पहली और दूसरी लिस्ट में वसुंधरा राजे को टिकट नहीं दिया और जब तीसरी लिस्ट में उन्हें टिकट दिया गया तो खबरों का बाजार गर्म हो गया।

वहीं, हाल ही में झालावाड़ में हुई एक बैठक में उन्होंने अपने सांसद बेटे दुष्यंत सिंह की तारीफ की और कहा कि अब उन्होंने दुष्यंत सिंह को इतना पढ़ा दिया है कि वह अब संन्यास ले सकती हैं। इसके अगले ही दिन झालरापाटन से नामांकन दाखिल करते समय वसुंधरा ने कहा कि वह रिटायर नहीं होने जा रही हैं। सेवा का कार्य जारी रहेगा। सांसद दुष्यन्त सिंह की राजनीतिक कुशलता से प्रसन्न होकर एक मां के रूप में मैंने कहा था कि वे झालावाड़-बारां में अच्छा काम कर रहे हैं।

हालांकि, वसुंधरा ने कहा कि कुछ भी हो, जब से चुनाव का बिगुल बजा है तभी से चर्चा चल रही है कि अगर इस बार BJPजीतती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा।यह सवाल इसलिए भी पूछा जा रहा है क्योंकि 1998 के बाद से राजस्थान में मुख्यमंत्री पद पर या तो कांग्रेस के अशोक गहलोत या फिर वसुंधरा राजे का कब्जा रहा है। लेकिन, हमेशा राज्य की राजनीति के केंद्र में रहने वाली वसुंधरा इस बार कहीं खो गईं हैं। अगर BJPराजस्थान में सरकार बनाने की स्थिति में है तो वह नेता कौन है जो वसुंधरा की जगह लेगा?

फिलहाल राजस्थान में पांच कद्दावर नेताओं के नाम चर्चा में हैं। चर्चा तो यहां तक ​​है कि इन पांचों नेताओं में से कोई एक नेता वसुंधरा राजे की जगह ले सकता है।

ओम बिड़ला

ओम बिड़ला वर्तमान में लोकसभा अध्यक्ष हैं। वह छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। बाद में बिड़ला छात्र संघ में राजनीति करते हुए वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और फिर BJPमें शामिल हो गये। 60 साल के बिड़ला कोटा जिले से आते हैं। वे पहली बार कोटा दक्षिण से विधायक चुने गये। 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ते हुए उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता शांति धारीवाल को हराया था।

इस बार विधानसभा चुनाव में जब BJPने केंद्रीय मंत्रियों से लेकर सांसदों तक को मैदान में उतारा है, ऐसे में भले ही BJPओम बिड़ला को विधानसभा चुनाव नहीं लड़वा रही है, लेकिन राजनीतिक जानकार उन्हें छिपा हुआ हीरो मान रहे हैं।

गजेंद्र सिंह शेखावत

BJPनेता गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान की राजनीति में तेजी से उभरता सितारा हैं। इस चुनाव में अगर कोई चेहरा खुलकर सामने आ रहा है तो वह शेखावत ही हैं। वह जयनारायण विश्वविद्यालय, जोधपुर के छात्र संघ अध्यक्ष रहे हैं, जहाँ उन्हें एक बहुत ही गतिशील वाद-विवादकर्ता के रूप में जाना जाता था।

शेखावत इस समय राजस्थान में दूसरे दलों से नेताओं को बाहर कर उन्हें BJPमें शामिल कर रहे हैं। इसके अलावा अशोक गहलोत के साथ भी उनकी खींचतान जारी रहती है जो अक्सर बयानों के तौर पर देखने को मिलती रहती है।

दीया कुमारी

राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी जयपुर राजघराने की वर्तमान वंशज हैं। राजकुमारी दीया जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई भवानी सिंह और रानी पद्मिनी देवी की इकलौती संतान हैं। उनकी शिक्षा मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली और महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल, जयपुर से हुई।

जिसके बाद उन्होंने लंदन में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद जब वह महल का हिसाब-किताब देख रही थी तो उसकी मुलाकात नरेंद्र सिंह से हुई। उन्होंने अपने परिवार को बिना बताए 1994 में दिल्ली में नरेंद्र सिंह से गुपचुप तरीके से कोर्ट मैरिज कर ली, जिसके 2 साल बाद उन्होंने यह राज अपनी मां को बताया।

बाद में उनकी शादी शाही तरीके से हुई। हालांकि, मतभेद के चलते उन्होंने 2019 में नरेंद्र सिंह से तलाक ले लिया और अब वह अपने परिवार की विरासत संभाल रही हैं। 3 बच्चों की मां दीया कुमारी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2013 में की थी। पहली बार उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

अर्जुन राम मेघवाल

बीकानेर से लोकसभा सांसद अर्जुन राम मेघवाल पूर्व आईएएस, वर्तमान केंद्रीय कानून मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संसद में हमेशा नजर आने वाले नेता हैं। वह राजस्थान में BJPका दलित चेहरा हैं।

आमतौर पर मेघवाल हमेशा सुर्खियों से दूर रहते हैं, लेकिन जब मोदी सरकार का कोई संवेदनशील मुद्दा सामने आता है और मामले को सभ्य और तार्किक ढंग से पेश करना होता है तो अर्जुन राम मेघवाल हमेशा आगे रहते हैं। वे पार्टी और सरकार में पिछली कतार में रहकर आगे रहने की कोशिश करते हैं।

लिस्ट में ये नाम भी शामिल हैं

इन सबके अलावा BJPके पास विकल्प के तौर पर सतीश पूनिया और बाबा बालकनाथ भी हैं। BJPप्रदेश अध्यक्ष रह चुके सतीश पूनिया ने 2018 में पहली बार आमेर से विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 2019 में तत्कालीन BJPप्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी के निधन के बाद उन्हें BJPका अध्यक्ष बनाया गया था। पूनिया पार्टी में गंभीर नेता माने जाते हैं, वहीं लोगों को एकजुट करना भी जानते हैं।

वहीं बाबा बालकनाथ को भी BJPका कार्ड माना जा रहा है जिसे छुपा कर रखा गया है। बाबा बालकनाथ यादव हैं। उन्होंने महज तीन साल की उम्र में संन्यास ले लिया था, तब महंत चांदनाथ ने उन्हें यह नाम दिया था। बाबा वर्तमान में रोहतक स्थित अस्थल बोहर आश्रम के महंत हैं और अलवर से सांसद भी हैं।

वह ओबीसी वोटरों का नेतृत्व करते हैं। हरियाणा और राजस्थान पर कब्ज़ा है। इसके अलावा यादव होने के नाते उनका यूपी पर भी अच्छा प्रभाव है। ऐसे में BJPमें तेजी से आगे बढ़े बाबा को पार्टी प्रमोट भी कर सकती है।

Leave a comment