No-Confidence Motion Against Vice President: राज्यसभा में मंगलवार को विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। यह कदम कांग्रेस नेता जयराम रमेश की अगुवाई में उठाया गया है। उनकी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। संविधान के अनुच्छेद 67बी के तहत यह प्रस्ताव राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा गया।
जयराम रमेश ने कहा कि यह मामला व्यक्तिगत नहीं, बल्कि विपक्षी नेताओं के अपमान का है। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी (आप), समाजवादी पार्टी (सपा), तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), झारखंड मुक्ति मोर्चा और डीएमके जैसे विपक्षी दलों के 60सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।
संसदीय कार्यों में अवरोध का आरोप
जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह संसद की कार्यवाही को सामान्य रूप से चलने नहीं देना चाहती। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू पर निशाना साधते हुए कहा कि रिजिजू ने राज्यसभा सभापति और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने यह दावा किया था कि विपक्ष अडानी मामले को नहीं उठाएगा, तो राज्यसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी जाएगी।
लोकतंत्र की रक्षा के लिए कदम
जयराम रमेश ने कहा कि यह स्पष्ट हो चुका है कि सरकार संसद के कामकाज को बाधित करना चाहती है। उनका कहना था कि विपक्ष के पास उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, क्योंकि उनका पक्षपाती रवैया संसद की कार्यवाही में साफ दिख रहा है। रमेश ने इसे संसदीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी कदम बताया।
इससे पहले, जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की थी।
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