Waqf Amendment Bill: शुक्रवार को कश्मीर के हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने वक्फ संशोधन विधेयक पर संसदीय पैनल के समक्ष अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग इस विधेयक पर अपनी राय देने के लिए जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। इसके साथ ही मीरवाइज ने भारतीय संविधान के कई अनुच्छेदों का उल्लंघन होने की बात भी कही।
मीरवाइज ने जब भारतीय संविधान के अनुच्छेदों का हवाला दिया, तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने चुटकी ली और कहा, "वाह भई वाह!" भाजपा के सदस्यों ने यह भी कहा कि मीरवाइज को अब यह समझ में आ गया है कि भारत का संविधान सर्वोपरि है। मीरवाइज ने अपनी लिखित प्रस्तुति में कहा कि प्रस्तावित वक्फ संशोधन मुस्लिम पर्सनल लॉ का उल्लंघन करता है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25के तहत संरक्षित है।
वक्फ की स्वायत्तता पर उठाए सवाल
मीरवाइज ने आगे कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024वक्फ की स्वायत्तता और कार्यप्रणाली के लिए बड़ा खतरा है। इस विधेयक के तहत कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों को सरकारी संपत्ति में बदलने का अधिकार दिया गया है। मीरवाइज ने इसे वक्फ अधिनियम के मूल उद्देश्य के खिलाफ बताया। उनका कहना था कि वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समाज के लाभ के लिए समर्पित होती हैं, और इन्हें राज्य से कम हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
भाजपा ने मीरवाइज की भागीदारी को सराहा
भाजपा के कई नेताओं ने मीरवाइज के विधेयक पर अपनी आपत्ति दर्ज करने के फैसले की सराहना की। भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि मीरवाइज ने मजबूती से अपनी बात रखी और संवैधानिक अधिकारों का हवाला दिया।
जेपीसी की बैठक में हंगामा
वहीं, वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी में भारी हंगामा हुआ। इसके बाद विपक्षी दलों के 10सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया। विपक्षी सांसदों ने सवाल उठाया कि एड-हॉक बैठक क्यों बुलाई गई।
वक्फ संपत्तियों पर राज्यों से मांगी गई जानकारी
संसदीय समिति ने वक्फ संपत्तियों की स्थिति पर कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश से असंतोषजनक जवाब मिलने के बाद इनसे विस्तृत जानकारी मांगी थी। विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है। वहीं, भाजपा का कहना है कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाएगा।
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