भारतीय सेना की नई रणनीति से घबराया पाकिस्तान, जानें क्या है 'कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन'?

भारतीय सेना की नई रणनीति से घबराया पाकिस्तान, जानें क्या है 'कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन'?

India-Pakistan Tension: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के अगले ही दिन भारत ने बड़ा कदम उठाया। सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से रोक दिया गया। पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को सीमित किया गया और सीमाएं भी अस्थायी रूप से बंद कर दी गईं। इन फैसलों के बाद पाकिस्तान में यह आशंका बढ़ गई कि भारत किसी भी समय सैन्य कार्रवाई कर सकता है।

हालांकि शुरू में भारत शांत रहा, लेकिन 6मई की रात अचानक पाकिस्तान के 9आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर हमला किया गया। यह जवाबी कार्रवाई पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका साबित हुई। पाकिस्तान ने जब जवाबी हमले की कोशिश की, तो भारतीय वायुसेना ने उसके सभी प्रयासों को हवा में ही नाकाम कर दिया।

सीमावर्ती इलाकों में डर नहीं, सेना पर भरोसा

तनावपूर्ण माहौल के बावजूद भारत-पाक सीमा के आसपास रहने वाले लोगों में डर नहीं देखा गया। इसकी वजह भारतीय सेना पर लोगों का मजबूत भरोसा है। उन्हें यकीन है कि सेना पूरी तरह से तैयार है और हालात पर नियंत्रण में है।

'कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन' से सेना को मिली नई ताकत

भारतीय सेना की त्वरित और सटीक कार्रवाई की असली वजह है 'कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन'। यह रणनीति 2001में संसद हमले के बाद विकसित की गई। उस समय सेना को तैयार होने में काफी समय लगा था, जिससे कार्रवाई टल गई थी। इससे सीख लेकर भारत ने ऐसी रणनीति बनाई जिसमें सेना हमेशा तैयार रहे।

2010के बाद तेजी से लागू हुआ नया प्लान

मुंबई हमले (26/11) के बाद इस डॉक्ट्रिन पर गंभीरता से काम शुरू हुआ। इसका उद्देश्य है कि हमला होते ही भारत बिना देरी के जवाब दे सके। यह रणनीति सीमित लेकिन प्रभावशाली सैन्य कार्रवाई पर केंद्रित है, जिससे पाकिस्तान और दुनिया को यह संदेश मिले कि भारत अब कोई भी हमले सहन नहीं करेगा।

भारत की नई नीति: तुरंत जवाब, पक्का असर

आज की भारतीय सेना लंबा इंतजार नहीं करती। वह पूरी तैयारी के साथ तुरंत मोर्चा संभालती है। यह बदलाव भारत की सोच और रणनीति में आया नया आत्मविश्वास दर्शाता है।

Leave a comment