भारत ने किया अग्नि-3 बैलिस्टिक का सफल परीक्षण, जानें कौन से देश आते है इसकी जद में

भारत ने किया अग्नि-3 बैलिस्टिक का सफल परीक्षण, जानें कौन से देश आते है इसकी जद में

नई दिल्लीभारत ने एक बार फिर बुधवार को अब्दुल कलाम आईलैंड से अग्नि-3का सफल परीक्षण किया है। बता दे कि,यह एक इंटरमीडिएट-रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है जो यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। वहीं यह परीक्षण रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित नियमित प्रशिक्षण लॉन्च के हिस्से के रूप में किया गया था।

अग्नि-3 की खासियत

आपको बता दे कि, एक MoD प्रेस बयान में कहा गया है कि लॉन्च एक पूर्व निर्धारित सीमा के लिए किया गया था और सिस्टम के सभी परिचालन मापदंडों को मान्य किया गया था। यह मिसाइल16 मीटर लंबी है और इसका वजन 48 टन से अधिक है और इसकी रेंज 3000 किलोमीटर से अधिक है और यह 1.5 टन से अधिक का पेलोड ले जाने में सक्षम है।इसमें एक साथ कई टारगेट पर हमला करने वाली तकनीक MIRV जैसी ही समान टेक्नोलॉजी है। खबरों के अनुसार, इस टेस्ट के दौरान समुद्र में तैनात कई राडारों, टेलीमेट्री ऑब्जर्वेशन स्टेशनों, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक उपकरणों और नौसेना के जहाजों द्वारा उड़ान प्रक्षेपवक्र को ट्रैक किया गया था।

इतने देश आते है इसकी जद में

Agni-3 मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत उसकी गति (Speed) है। लेकिन उससे पहले हम इसकी रेंज (Range) की बात करते हैं। इस मिसाइल की रेंज 3 से 5 हजार किलोमीटर बताई जाती है। यानी हथियार का वजन कम या ज्यादा करके रेंज को बढ़ाया या कम किया जा सकता है। 3 से 5 हजार किलोमीटर की रेंज यानी चीन का बहुत बड़ा हिस्सा, पूरा पाकिस्तान, पूरा अफगानिस्तान, हॉर्न ऑफ अफ्रीका, अरब देश, इंडोनेशिया, म्यांमार जैसे कई देश इसकी जद में हैं। यानी आप चारों तरफ अपनी सुरक्षा के लिए इस मिसाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Agni-3 मिसाइल की गति मैक 15 है। यानी 18,522 किलोमीटर प्रतिघंटा. ये डरावनी गति है। यानी 5 से 6 किलोमीटर प्रति सेकेंड की स्पीड। इस गति में उड़ने वाली मिसाइल दुश्मन को सांस लेने या पलक झपकाने तक का मौका नहीं देती। 16मीटर लंबी इस मिसाइल का वजन 50 हजार किलोग्राम है। कहते हैं कि एक अग्नि-3 मिसाइल बनाने में 25 से 35 करोड़ रुपये की लागत आती है. इसे 8x8 ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से छोड़ा जाता है।

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