IND vs ENG 4th T20: कनकशन सब्स्टीट्यूट की वजह से इंग्लैंड को मिली हार? जानें क्या है ये नियम

IND vs ENG 4th T20: कनकशन सब्स्टीट्यूट की वजह से इंग्लैंड को मिली हार?  जानें क्या है ये नियम

Concussion Substitute:भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा मुकाबले में भारत ने इंग्लैंड को 17 रनों से हरा दिया। इस जीत के साथ टीम इंडिया ने सीरीज भी अपने नाम कर ली। इस मैच में एक गुमनाम नाम सितारा बनकर चमका। जिसका नाम हर्षित राणा है। उन्होंने तीन विकेट लेकर टीम इंडिया की जीत में अहम योगदान दिया। वह पहले टीम इंडिया का हिस्सा नहीं थे। उन्हें मैच के बीच शिवम दुबे के कनकशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर टीम में जगह मिली। जिसके बाद कई सवाल खड़े हो गए। आखिर ये कनकशन होता क्या है और क्रिकेट में इसका नियम कैसे और क्यों लागू होता है? ये नियम कब से लागू हुआ।  

क्या है कनकशन सब्स्टीट्यूट नियम

कनकशन सब्स्टीट्यूट नियम क्रिकेट में एक ऐसा प्रावधान है जिसके तहत अगर किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान सिर में चोट लगती है, तो उस खिलाड़ी की जगह एक सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी को मैदान में उतारा जा सकता है। इस नियम का उद्देश्य खिलाड़ियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है, विशेष रूप से सिर में चोट लगने के मामलों में।

इस नियम की शर्तें

चोट का प्रमाण

मेडिकल टीम द्वारा यह सत्यापित किया जाना चाहिए कि खिलाड़ी को वास्तव में कनकशन (सिर में चोट) की समस्या हुई है।

समान क्षमता

आमतौर पर सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी को उसी प्रकार का कौशल होना चाहिए जो चोटिल खिलाड़ी का होता है, उदाहरण के लिए, एक बल्लेबाज की जगह एक और बल्लेबाज, या एक गेंदबाज की जगह एक और गेंदबाज।

इंग्लैंड की हार के बाद चर्चा में आया ये नियम

हालांकि, इंग्लैंड की हार के संदर्भ में, जिस मैच में यह नियम चर्चा में आया, वहां विवाद इस बात को लेकर उठा कि क्या सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी का कौशल और भूमिका वास्तव में चोटिल खिलाड़ी के समान ही थी या नहीं। शिवम दुबे की जगह हर्षित राणा को कनकशन सब्स्टीट्यूट के रूप में उतारा गया, जहां दुबे एक बैटिंग ऑलराउंडर हैं और राणा एक बॉलिंग ऑलराउंडर। इसकी वजह से इंग्लैंड की टीम ने इस नियम के प्रयोग पर सवाल खड़े किए क्योंकि उनका मानना था कि यह 'लाइक फॉर लाइक' रिप्लेसमेंट नहीं था।  इस प्रकरण ने कनकशन सब्स्टीट्यूट नियम के अनुप्रयोग की व्याख्या और संभावित समानता के मुद्दों को उजागर किया।

 

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