नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत जितना प्राचीन है उतनी ही प्राचीन कृषि और भोजन को लेकर हमारी मान्यताएं हैं, हमारे अनुभव हैं। भारतीय कृषि परंपरा में विज्ञान को प्राथमिकता दी गई है। हजारों साल पहले हमारे ग्रंथों में कहा गया है कि सभी पदार्थों में अन्न श्रेष्ठ है इसलिए अन्न को सभी औषधियों का स्वरूप उनका मूल कहा गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि 65 साल के बाद ICAE की ये Conference भारत में फिर हो रही है। आप दुनिया के अलग अलग देशों से भारत आए हैं। भारत के 120 मिलियन किसानों की तरफ से आपका स्वागत है।भारत की 30 मिलियन से ज्यादा महिला किसानों की तरफ से आपका स्वागत है। देश के 30 मिलियन फिशरमैन की तरफ से आपका स्वागत है। देश के 80 मिलियन पशुपालकों की तरफ से आपका स्वागत है।आप आज उस देश में हैं, जहां 550 मिलियन पशु हैं। जीव प्रेमी भारत में आपका स्वागत है, अभिनंदन है।
भारतीय कृषि परंपरा में साइंस को, लॉजिक को प्राथमिकता दी गई है- पीएम मोदी
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत जितना प्राचीन है, उतनी ही प्राचीन agriculture और food को लेकर हमारी मान्यताएं हैं, हमारे अनुभव हैं।भारतीय कृषि परंपरा में साइंस को, लॉजिक को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि हमारे अन्न को औषधीय प्रभावों के साथ इस्तेमाल करने का पूरा आयुर्वेद विज्ञान है। ये पारंपरिक नॉलेज सिस्टम भारत के समाज जीवन का हिस्सा है।
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