पटना: बिहार चुनाव में पहले चरण का मतदान नजदीक आ चुका है. सभी पार्टियों ने पहले चरण के सभी उम्मीदवार के नाम घोषित कर दिए है. वहीं इस बार कई नेताओं ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी को छोड़ दिया, और दूसरी पार्टी या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. पहले चरण में 71 सीटों में से 42 सीटों पर इन बागवती नेताओं के बीच टक्कर होगी.
बिहार चुनाव में सबसे बड़ा झटका भारतीय जनता पार्टी को लगा है. क्योंकि बिहार चुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने पार्टी को छोड़ दिया है. और एलजेपी में शामिल हो गए है. इसके साथ बीजेपी के राजेंद्र सिंह पर कार्रवाई करते उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. इसके साथ बीजेपी नेता श्वेता सिंह ने भी सीट नहीं मिलने पर एलजेपी का दामन थाम लिया, और लोजपा की तरफ से टिकट लेकर मैदान में उतर गई. वहीं नेता डॉ. मृणाल शेखर ने भी बीजेपी का साथ छोड़ दिया है, और लोजपा के साथ हो गए.
इसके साथ ही बीजेपी नेता भरत शर्मा को टिकट नहीं मिलने से ब्रह्मपुर से निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला किया है. डुमरांव में जदयू ने अंजुम आरा को टिकट दिया. डुमरांव से जदयू के पूर्व विधायक ददन यादव नाराज हो गए और निर्दलीय ही मैदान में उतर गए इसके साथ ही जदयू केजिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह टिकट नहीं मिलने से नाराज हो गए, उन्होंने निर्दलीय लड़ने का फैसला कर लिया है.
वहीं राजद में टिकट को लेकर मतभेद हुए है. राजद नेताश्रीधर मंडल पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ेने का फैसला किया है.इसके साथ ही एलजेपी में बगावती के सुर देखे गए है. लोजपा के नेता सुनील पांडेय ने तरारी सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी ताल ठोक दी है. वह इस सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.
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