23 हजार फिट की ऊंचाई...800 किलोमीटर की रफ्तार...जानें इतिहास के सबसे खतरनाक लैंडिंग का सच

23 हजार फिट की ऊंचाई...800 किलोमीटर की रफ्तार...जानें इतिहास के सबसे खतरनाक लैंडिंग का सच

नई दिल्ली: नेपाल प्लेन क्रैश ने लोगों का दिल दहलाकर रख दिया,जिसमें करीब 64 लोगों ने अपनी जान गवा दी थी। जहां एक तरफ आए दिन सड़क और हवाई दुर्घटना की खबर सामने आती है। वहीं दूसरी तरफ आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने वाले है, जिसे एविएशन हिस्ट्री में कभी नहीं भूला गया है। जब एक चलते प्लेन से इसका मेन पायलट ही उड़ गया था और प्लेन में कुल 87 लोग सवार थे।

बता दें आपने हॉलीवुड की तमाम फिल्मों में इस तरह के सीन देखे होंगे, जहां चलते विमान में कोई बवाल चल रहा हो लेकिन रियल लाइफ में भी ऐसा हो चुका है। विमान अपनी फुल स्पीड में 23 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। 800 किलोमीटर/घंटा की रफ्तार और तेज हवाओं के बीच अचानक ही प्लेन की एक विंडस्क्रीन उखड़ती है और मुख्य पायलट को हवा में लटका देती है। बता दें कि ये घटना 10 जून साल 1990 को ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट संख्या 5390 के साथ घटी थी। ये फ्लाइट ने इंग्लैंड के बर्मिघम से स्पेन के मलागा के लिए उड़ान भरी थी। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन तभी करीब 20 मिनट बाद कॉकपिट में एक तेज धमाका हुआ, जिसने लोगों को झकझोर कर रख दिया था।

वहीं कुछ समय बाद विमान की विंड्स्क्रीन टूटने के बाद मुख्य पायलट कैप्टन टिमोथी लैंकस्टर खिड़की बाहर लटके हुए दिखे। वे हवा से पूरी तरह बाहर खिंच जाते, अगर क्रू मेंबर नाइजेल ऑग्डेन झपटकर उनके पैर के निचले हिस्से को न पकड़ लेते। खुद को कुर्सी में फंसाकर वो उन्हें पकड़े रहे, जबकि तेज़ बर्फीली हवा उन्हें भी बाहर खींच रही थी। ऐसे समय में को पायलेट की समझदारी ने कई यात्रीयों की जान बचा ली।

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