Himachal: युवक ने 43 दिन में 2800 km की यात्रा कर लोगों को दिया संस्कृति और पर्यावरण का संदेश

Himachal: युवक ने 43 दिन में 2800 km की यात्रा कर लोगों को दिया संस्कृति और पर्यावरण का संदेश

कुल्लू: देश के विभिन्न राज्यो की संस्कृति को समझने व पर्यावरण का संदेश देने वीरेंद्र  की कुल्लू से केरला तक पदयात्रा पूरी की है. 43 दिनों तक की गई इस पद यात्रा का मकसद अधिक से अधिक पैदल चलने और गाड़ियों का कम से कम प्रयोग करने की ओर लोगों को प्रेरित करना है. अंग्रेजी और हिंदी भाषा जानने वाले 22 वर्षीय युवक वीरेंदर ने बताया कि गाड़ियों का प्रयोग न कर लोगों को पैदल चलने की ओर प्रेरित करना व अलग-अलग राज्यों की संस्कृति, भोजन, भाषा, गांव को जानना, समझाना और देखना मेरा सपना है.

इसको पूरा करने के लिए वह 26 मार्च को मनाली से केरला के लिए निकला. 43 दिन के सफर में उनकी 2800 किलोमीटर की यात्रा पूरी हो गई है. वीरेंद्र ने बताया कि तेज धूप और गर्मी से बचने के लिए हाथ में छाता लेकर चलते थे और रात में टेंट  वीरेंद्र ने बताया कि हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र होते हुए उन्होंने केरला तक अपनी यात्रा पूरी की है.हालांकि केरल से वापस कुल्लू तक पहुंचने की योजना साइकिल के माध्यम से थी लेकिन केरल कर्नाटक और महाराष्ट्र में मॉनसून शुरू होने के कारण वापसी का सफर स्थगित करना पड़ा.लिहाजा शुक्रवार को युवक कुल्लू पहुंचागया. यहां पहुंचे पर युवक का भव्य स्वागत किया.

वीरेंद्र ने बताया कि यात्रा के दौरान गांव-गांव में लोगों का सहयोग मिला है. रात में किसी पेट्रोल पंप परिसर में टेंट लगाकर सोते हैं, खाना-पीना ढाबे पर करते हैं. वीरेंद्र ने बताया कि वे अपनी यात्रा को दोबारा कुछ समय बाद शुरू करेंगे और उसे कन्याकुमारी तक पूरा किया जाएगा. इस दौरान वीरेंदर को लॉकडाउन की वजह से 3 दिन तक खाने के लिए कुछ नहीं मिला तो उन्होंने जो अपने बैग में बिस्कुट डाल रखे थे उसके सहारे ही तीन दिन बिताए है. यह उनके लिए बहुत ही कठिन दौर था.

इस दौरान मुझे अपने आप को जिंदा रखना बड़ी चुनौती थी. इसके अलावा जब राजस्थान पहुंचा तो इस दौरान एक मोटरसाइकिल सवार ने मेरा मोबाइल खेलने की कोशिश की लेकिन मैंने मोबाइल जोर से पकड़ रखा था जिस कारण वह मोबाइल नहीं छीन पाया. इसके साथ ही कर्नाटक राज्य के गांव बहुत ही दूर दूर है और रास्ता जंगल भरा है इस दौरान उन्हें काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा और अपना तंबू डाल कर रात को जंगल में ही काटना पड़ा. जहां मुझे जंगली जानवरों का खतरा था. आखिर में यह तमाम बाधाएं पार कर ली और अपना सफर पूरा करने के बाद आज अपने घर कुल्लू पहुंचा है.

प्रदेश कांग्रेस सचिव भुवनेश्वर गौड़ ने कहा की पर्यावरण सरक्षण का संदेश देने की जो पहल वीरेंदर ने की है. वो काबिलेतारीफ है लोगो को गाड़ियों का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए ताकि पर्यावरण साफ़ स्वच्छ रहे. बता दें कि वीरेंद्र ठाकुर ने अभियान हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला से शुरू किया था जो पंजाब, हरियाणा,राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, और केरला राज्यों में पूरा किया जाए.

Leave a comment