Health Tips: भारत का हर तीसरा व्यक्ति एक गंभीर बीमारी से ग्रस्त है। ये बीमारी फैटी लिवर है। जिसकी वजह से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ये बीमारी तेजी से फैल रही है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर एक आम मेटाबॉलिक लीवर डिसऑर्डर है जो कि बाद में सिरोसिस और प्राइमरी लिवर कैंसर का भी रुप ले सकता है।
काफी लोगों में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बिमारियों और अन्य कई तरह की बीमारियों से पहले फैटी लिवर के शिकार हो जाते हैं। फैटी लीवरएक ऐसी स्थिति है जिसमें लीवर की कोशिकाओं में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है। यह समस्या तब होती है जब शरीर में वसा का जमा होना लीवर की क्षमता से अधिक हो जाता है।
इस वजह से बढ़ रहे मामले
फैटी लीवर दो प्रकार का होता है एक अल्कोहलिक फैटी लीवर जो शराब के ज्यादा सेवन के कारण होता है। दूसरा हैनॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर यह शराब के सेवन के बिना भी हो सकता है, और आमतौर पर मोटापा, डायबिटीज, और हाई कोलेस्ट्रॉल से जुड़ा होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, भारत और यूरोप की लाइफस्टाइल और डाइट में काफी बदलाव आया है। जिसके कारण डायबिटीज और मोटापे जैसे मेटाबॉलिक सिंड्रोम बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के केस में भी बढ़ोतरी हो रही है।
लक्षण:
थकान और कमजोरी
पेट में दर्द या असहजता
वजन घटाना
लीवर का बढ़ना (हेपाटोमेगाली)
त्वचा और आंखों का पीलापन (जॉन्डिस)
क्या है बचाव:
स्वस्थ आहार:कम वसा वाला और उच्च फाइबर वाला आहार अपनाएं। सब्जियों, फल, और साबुत अनाज का सेवन बढ़ाएं।
वजन नियंत्रित रखें:स्वस्थ वजन बनाए रखने का प्रयास करें। यदि आप मोटापे से ग्रस्त हैं, तो धीरे-धीरे वजन घटाने का प्रयास करें।
शराब से बचें:शराब का सेवन कम करें या पूरी तरह से बंद कर दें।
नियमित व्यायाम करें: नियमित रूप से व्यायाम करें। हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करें।
दवाइयों का सावधानीपूर्वक उपयोग:बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई ना लें।
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