मंकीपॉक्स से बच्चों को है अधिक खतरा, जानें संक्रमण से बचाव के तरीके

मंकीपॉक्स से बच्चों को है अधिक खतरा, जानें संक्रमण से बचाव के तरीके

नई दिल्ली: कोरोना के बाद भारत में मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ रहा है। वहीं केरल में मंकीपॉक्स से कई लोग संकृमित हुए थे, जिसमें से एक की मौत हो गई थी। मंकीपॉक्‍स के मरीजों की संख्‍या में बढ़होतरी को देखते हुए अब सरकार भी हरकत में आ गई है। हालांकि, मंकीपॉक्‍स एयर बॉर्न डिजीज नहीं है इसलिए इसे फैलने से रोका जा सकता है।

मंकीपॉक्‍स के बढ़ते मामलों की वजह से सरकार ने गाइडलाइन्‍स जारी की हैं, जिसमें बच्‍चों और प्रेग्‍नेंट महिलाओं को विशेष ध्‍यान देने की हिदायत दी गई है। मंकीपॉक्स के संक्रमण के दौरान बच्चों के मामले में अस्पतालों में भर्ती और मृत्यु की दरों में काफी तेजी देखी गई, यहां तक कि अमेरिका जैसे उच्च आय वाले देशों में भी, 2003 के प्रकोप के दौरान बच्चों की आबादी में दो गंभीर मामले देखे गए थे।

बच्चों में मंकीपॉक्स के लक्षण

बच्चों में मंकीपाक्स और चेचक के लक्षण समान है। सामान्य तौर पर संक्रमित व्यक्तियों और बच्चों में बेचैनी,बुखार,चकते,सूजन लिम्फ नोड्स और ठंड लगने के लक्षण नजर आते है।

1- रैशेज- मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के दूसरे या तीसरे दिन चकत्ते दिखाई देते हैं. सबसे पहले चेहरे पर चकत्ते दिखाई देते हैं. इसके बाद ये हाथों, हथेलियों और पैरों तक फैल जाते हैं. चकत्ते में कुछ पानी जैसा होने लगता है।

2- बुखार-  मंकीपॉक्स होने पर बच्चों को बुखार का खतरा ज्यादा रहता है. अगर बच्चे को बुखार है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

बच्चों को मंकीपॉक्स के संक्रमण से कैसे बचाएं?

  • बच्चों को बंदरों और चूहा-गिलहरी जैसे जानवरों के संपर्क में आने से रोकें।
  • बच्चों को ऐसी जगह न लेकर जाएं जहां मरे हुए जानवर हों।
  •  अगर बच्चे नॉनवेज खाते हैं तो पूरी तरह से पका हुआ नॉनवेज ही खिलाएं।
  • अगर कोई व्यक्ति संक्रमित है तो बच्चे को उसके संपर्क में आने से बचाएं।
  •  बच्चों को साबुन और गरम पानी से हाछ धोना सिखाएं।

 

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