टोहाना: हरियाणा के टोहाना जिले में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया।एक ही परिवार के 5लोगों को नौकरी लगाने का झांसा देकर की 41लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। वहीं पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। साथ ही इस मामले की जांच में जुट गई है।
गांव भोडी के कुछ ग्रामीणों को सरकारी नौकरी दिलाए जाने पर लाखों रुपए की ठगी होने का मामला प्रकाश में आया है। थाना सदर पुलिस ने गांव भोडी निवासी रामफल की शिकायत पर चीका निवासी रविंद्र के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। थाना सदर प्रभारी यादविन्द्र सिंह ने बताया कि गांव भोडी के रहने वाले रामफ़ल ने शिकायत देकर कैथल के चीका निवासी रविंद्र के खिलाफ सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया कि केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी शिकायत में गांव भोडी निवासी रामफल ने बताया कि उसका बेटा विनोद कुमार सरकारी नौकरी के लिये हिसार में पीजी में रह कर अपनी नौकरी की तैयारी कर रहा था। इस दौरान उसको रविन्द्र मिला जो अपने आप को बीएसएनएल कंपनी में जेई बताता था। उसने बताया कि उसके पिता व भाई सरकारी नौकरी दिलवाने का कार्य करते हैं। उसके बाद उसने अपने पिता से उसकी पहचान करवाई। फिर वह उनके बहकावे में आ गया। फिर उनकी नजदीकियां बढ़ी और घर पर भी आना जाना होने लगा। अपने विश्वास में लेने के बाद रविंद्र के पिता ने कहा कि अब हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन में क्लर्क की भर्ती निकली हुई है। अगर उसमें किसी का काम करवाना है तो बता देना। इस पर उसने कहा विनोद को लगवा दो।
रामपाल ने बताया कि उसके बाद उन्होंने दस लाख रुपए में बात तय हुई। इस पर उसने 20सितंबर 2019को साढ़े तीन लाख रविन्द्र के खाते में डाल दिये। फिर ज्वॉइनिंग लेटर के नाम पर 5लाख रुपए और ले लिए। उसके बाद 1दिन में है पीडब्ल्यूडी विभाग में क्लर्क का ज्वॉइनिंग लेटर आया और डेढ़ लाख रुपए ले गया।
इसी तरह उसने ही परिवार के संदीप कुमार को नौकरी लगवाने के नाम पर साढ़े नौ लाख रुपए ले लिए थे। इसी गांव के हरीश कुमार को भी झज्जर कोर्ट में क्लर्क की नौकरी लगवाने का झांसा देकर दस लाख रुपए ले लिए। इसी तरह से उनके ही परिवार की पूजा को हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन में क्लर्क के लिये साढ़े नौ लाख रुपए ले गया।
नवीन कुमार ने भी झज्जर कोर्ट में क्लर्क के पद पर सीधी भर्ती के लिए दस लाख रुपए ऐंठ लिए। उसके बाद ज्वॉइनिंग के लिए थोड़ा समय थोड़ा समय करते हुये 6 महीने का समय बीत गया। फिर उन्हें पता चला कि रविंदर फर्जीवाड़े के केस में जेल गया हुआ है। इससे उनके परिवार वालों को आशंका हुई कि कहीं उनके साथ धोखा तो नहीं हो गया।
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