HARYANA: खेती में हुई क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत, किसान और युवा भी बनेंगे ड्रोन पायलट

HARYANA: खेती में हुई क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत, किसान और युवा भी बनेंगे ड्रोन पायलट

चंडीगढ़: हरियाणा में खेती में नए-नए कृषि यंत्रों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। इसमें अब ड्रोन का भी नाम शामिल हो गया है। ड्रोन की कृषि में उपयोगिता बढ़ाने को लेकर सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए किसानों और युवाओं को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिए जाने की योजना बनाई गई है।

महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय में प्रदेश का पहला ड्रोन स्कूल खोला गया है। इसमें युवाओं को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उप कुलपति प्रो समर सिंह ने कहा कि इस केंद्र के प्रारंभ होने से किसानों का निश्चित ही कौशल विकास होगा। उन्हें बेहतर जानकारियां और बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा, जिसका लाभ सभी को होगा।विश्विद्यालय के शिक्षा विस्तार अधिकारी सत्येंद्र यादव ने कहा कि आने वाले समय में ड्रोन टेक्नोलॉजी कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है।

युवाओं को मिलेगा रोजगार

उन्होंने कहा कि जिस तरह से सूचना प्रौद्योगिकी ने पूरी कार्य प्रणाली को बदल कर रख दिया, वैसे आने वाले समय में ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रयोग खेती के लिए बहुत लाभकारी साबित होगा। उन्होंने कहा कि विश्विद्यालय में खोले जाने वाले ड्रोन स्कूल में युवाओं को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जाएगा , यहां कम फीस में युवा ट्रेनिंग लेकर रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।

देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय

इसके लिए उन्हें ड्रोन पायलट का सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय हैं जहां ड्रोन का प्रशिक्षण दिया जाएग। यादव ने कहा कि ड्रोन की खासियत यह होगी कि खेतों के बड़े एरिया में बीज और कीटनाशनक डालने और कृषि सर्वे में भी इनका उपयोग किया जा सकता है। सर्वे और जमीन नापने आदि में भी ड्रोन का उपयोग होगा। इन सभी विधाओं में छात्रों को पारंगत किया जाएगा।

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