Haryana Election: राहुल के ऑफर के बाद कांग्रेस से गठजोड़ करेगी AAP , जानें साथ आने से कितना होगा लाभ

Haryana Election: राहुल के ऑफर के बाद कांग्रेस से गठजोड़ करेगी AAP , जानें साथ आने से कितना होगा लाभ

Rahul Gandhi Offer AAP: लोकसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस-आप गठबंधन पर जनता ने मुहर ने लगाई हो लेकिन हरियाण चुनाव में राहुल गांधी को उम्मीद है कि जनता उन्हें समर्थन देगी। जिसके चलते एकबार फिर उन्होंने आम आदमी पार्टी के साथ हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने की पेशकश की है। मंगलवार यानी 3 सितंबर को उन्होंने आप को साथ में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऑफऱ दिया। इसपर आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि इस पर सीएम केजरीवाल फैसला लेंगे।               
 
कांग्रेस ने क्यों दिया ऑफर ? 
 
दरअसल, कांग्रेस इस बार किसी भी कीमत पर  हरियाणा में सत्ता हासिल करना चाहती है। भूपेंद्र हुड्डा सहित उसके तमाम नेताओं को लगता है कि इस बार राज्य के चुनावी माहौल उनके पक्ष में हैं। ऐसे में वह चुनाव में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहते हैं। आम आदमी पार्टी से समझौता कर वोट कटने से रोकना भी कांग्रेस पार्टी की इसी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है। 
 
दोनों दलों में सीटों को लेकर चल रही बातचीत            
 
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक दोनों दलों में बातचीत का यह फॉर्मूला उसके नेता वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया की पहल है जिसमें दोनों नेताओं ने आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की जरूरत बताई है।  इस मुलाकात में भी आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने या अकेले चुनाव में उतरने के मुद्दे पर चर्चा हुई थी। राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर नेताओं को आपसी विचार विमर्श के बाद अंतिम राय देने के लिए कहा है। वहीं आम आदमी पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी की ओर से संदीप पाठक और राघव चड्डा को कांग्रेस से बातचीत के लिए अधिकृत किया है। जानकारी के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस नेतृत्व के सामने दस सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रखी है। चर्चा है कि कांग्रेस केजरीवाल को पांच से सात सीटें देने पर विचार कर रही है।                
 
लोकसभा चुनाव में फेल रहा था गठबंधन    
 
लोकसभा चुनाव के दौरान भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। आम आदमी पार्टी को कोई सफलता न मिलने के बावजूद आप और कांग्रेस ने भाजपा को वोट प्रतिशत के लिहाज से पछाड़ दिया था और भाजपा को इसका नुकसान हुआ था। अब उसी समीकरण को विधानसभा चुनाव में आजमाते हुए भाजपा को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने के लिए दोनों दल हाथ मिलाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके पूर्व आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने दिल्ली में साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। हालांकि इसके बाद भी वे भाजपा को दिल्ली में रोकने में असफल रहे थे। 

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