Haryana: इस साल फिर रहेगा त्यौहारों पर भारी कोरोना, इस साल भी दशहरा का मेला चढ़ा कोरोना की भेंट

Haryana: इस साल फिर रहेगा त्यौहारों पर भारी कोरोना, इस साल भी दशहरा का मेला चढ़ा कोरोना की भेंट

अंबाला:  इस साल फिर रहेगा त्यौहारों पर कोरोना भारी हो गया है। इस साल भी दशहरा का मेला कोरोना की भेट चढ़ गया है। क्योंकि सरकार ने कोरोना के नियमों का पालन करने के लिए सख्त निर्देश जारी किये है जिसे पूरा कर पाना किसी भी धार्मिक संस्था के लिए पूरा कर पाना मुश्किल है इसीलिए संस्थाओं ने इस बार भी दशहरा का मेला न करने का फैसला ले लिया है जिससे मेला देखने वाले लोग खासकर बच्चे काफी निराश है।

अम्बाला के उपायुक्त विक्रम सिंह की अगर माने तो उनका स्पष्ट कहना है कि वे हर उस संस्था को दशहरा का मेला करने की परमिशन देंगे जो कोरोना के नियमो का पालन करेगा। उनका कहना है कि सब ही संस्थाओं को ये कह दिया गया है कि अगर कोरोना नियमो का पालन होगा तो ही परमिशन मिल पायेगी।जहां पिछले साल भी लोग कोरोना के चलते दशहरा का मेला नहीं देख पाए थे वहीं इस साल भी उन्हें इस मेले से वंचित रहना पड़ेगा।

इस साल भी करोना की गाइडलाइंस के अनुसार मेला करने की इजाजत तो प्रशासन से मिल रही है पर उन गाइडलाइंस को फॉलो करना दशहरा मेला करवाने वाली संस्थाओं के लिए बहुत ही मुश्किल हो रहा है। जिसके चलते ज्यादातर संस्थाओं ने इस साल भी दशहरा मेला ना करवाने की ठान ली है। अंबाला छावनी में स्थित अनाज मंडी रामलीला कमेटी के प्रधान का कहना है कि इस बार भी वह कोरोना की गाइडलाइन के चलते दशहरे मेले का आयोजन नहीं कर पाएंगे।

रामलीला कमेटी के प्रधान ने कहा कि उन्होंने प्रशासन से दशहरा मेला कराने की इजाजत मांगी थी जो कि उन्हें प्रशासन द्वारा मिल गई है लेकिन प्रशासन द्वारा यह शर्त लगा दी गई है कि मेले का आयोजन कोरोना गाइडलाइंस के तहत किया जाए। उन्होंने कहा कि गाइड लाइन के अनुसार मेले में खाली 500आदमी तक आ सकते हैं जबकि मेले में 50,000के लगभग लोग आते हैं इसीलिए हमारे द्वारा लोगों को रोक पाना असंभव है दूसरी ओर जिस ग्राउंड में दशहरा मेले का आयोजन किया जाता है उस ग्राउंड की हालत थी बहुत खराब है।

सरकार और संस्थाओं के इस टकराव से सबसे  ज्यादा दशहरा मेला देखने वाले लोगो में खासकर बच्चो में काफी निराशा है। जब स्कूली छात्रा निष्ठा से दशहरा मेले का आयोजन इस साल भी नहीं होगा के बारे में बात की गई तो उसने कहा कि दशहरे का मेला तो हर बच्चे के लिए एक मनपसंद त्यौहार होता है और हर बच्चा इस का आनंद लेना चाहता है। लेकिन कोरोना की वजह से पिछले साल भी इसका आयोजन नहीं हो पाया था और इस साल भी नहीं हो पा रहा है।

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