राजनीति में नहीं थी कोई रुचि फिर कैसे बने देश के छठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी

राजनीति में नहीं थी कोई रुचि फिर कैसे बने देश के छठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी

Rajiv Gandhi: 21 मई 1991 को तमिलनाडु के पेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान राजीव गांधी की आत्मघाती हमले में मौत हो गई। धनु नाम की एक लिट्टे समर्थक महिला ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद अपने कमर में बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया। जिसके बाद इनकी मौत हो गई थी। आज राजीव गांधी की पुण्यतिथि है।

नहीं था राजनीति में कोई रुचि

दरअसल राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को बंबई (अब मुंबई) में हुआ था। जब देश को आजादी मिली, उस समय वे महज तीन साल के थे। उनकी मां का नाम इंदिरा गांधी और पिता का नाम फिरोज गांधी था।उनके दादा पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे। उनके पिता भी सांसद थे। वहीं राजीव भी देश के छठे पीएम बने थे। लेकिन कहा जाता है कि उन्हें राजनीति में कोई रुचि नहीं थी। फिर कैसे वह इस राजनीति में आए।

शुरुआत में उन्हें पढ़ने के लिए देहरादून के वेल्हम स्कूल भेजा गया, लेकिन जल्द ही यहां से उन्हें आवासीय दून स्कूल में भेज दिया गया। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद राजीव गांधी लंदन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज गए, लेकिन यहां उनका मन नहीं लगा। इसके बाद वे इंपीरियल कालेज गए, जहां से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

एक घटना ने बदल दी राजीव गांधी का जीवन

वहीं पाजीव गांधी को फोटोग्राफी, रेडियो सुनने और विमान उड़ाने का भी उन्हें शौक था। उन्होंने दिल्ली फ्लाइंग क्लब की प्रवेश परीक्षा पास कर वाणिज्यिक पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया, जिसके बाद वे जल्द ही इंडियन एयरलाइंस के पायलट बन गए। लेकिन 1980 में एक विमान दुर्घटना में अपने भाई संजय गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी ने न चाहते हुए भी राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने भाई की सीट अमेठी पर हुए संसदीय उपचुनाव में जीत हासिल की और सांसद बने। 31 अक्टूबर 1984 को अपनी मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वे कांग्रेस अध्यक्ष और फिर देश के प्रधानमंत्री बने।

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