टीम इंडिया के इस खिलाड़ी पर फूटा गौतम गंभीर का गुस्सा! गेंदबाजी के लिए दी ये सलाह

टीम इंडिया के इस खिलाड़ी पर फूटा गौतम गंभीर का गुस्सा! गेंदबाजी के लिए दी ये सलाह

नई दिल्ली: भारतीय खिलाड़ी तीन मैचों की t20सीरीज खेल रही है। जिसका अब आखिरी मुकाबला अहमदाबाद मैं 1फरवरी के दिन खेला जाएगा। इस t20मैच में जहां एक तरफ दोनों टीम बराबर पर चल रही है। वहीं दूसरी तरफ इस आखिरी मैच में दोनों टीम की निगाहें जीत की तरफ होगी।ऐसे में अब भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर चर्चा में आ गए हैं। दरअसल गौतम गंभीर ने भारतीय टीम के एक खिलाड़ी को अपने खेल में सुधार करने की सलाह दे दी है। यह खिलाड़ी फिलहाल न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली जा रही तीन मैचों की t20सीरीज में भी टीम इंडिया का हिस्सा रहा है।

गौतम गंभीर ने इस खिलाड़ी को दी सलाह

बता दे कि गौतम गंभीर का मानना है कि गति में विविधता के अलावा बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह के लिए यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि वह अपनी नो बॉल गेंदबाजी के मुद्दे को सुलझाए। इसके साथ ही इस साल के दौरान 21मैचों में 18.12की औसत, 13. 30की स्ट्राइक रेट और 8.17की इकोनामी रेट से 33विकेट लिए हैं। इस खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलिया में t20वर्ल्ड कप के दौरान भी जसप्रीत बुमराह की  अनुपस्थिति में भी सराहनीय काम किया था।

वहीं गौतम गंभीर का यह कहना है कि आप अपने गेंदबाजी में कुछ नया करने के बारे में सोचते हैं। चाहे वह धीमी बाउंसर हो या श्लोक गेंदबाजी। किसी प्रकार की भिन्नता। दुर्भाग्य से उनके पास वास्तव में बल्लेबाजों को परेशान करने की गति नहीं है। इसलिए कुछ भिन्नता विकसित करनी होगी। वह इमरान मलिक नहीं है, वह मोहम्मद सिराज नहीं है, इसलिए एक चीज जो उन्हें करने की जरूरत है वह शायद अपनी नो बॉल के मुद्दे को सुलझाना है।

क्या था पूरा मामला

अर्शदीप ने इस महीने में खेली गई श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टी-20 मैच में 59 बॉल फेंके थे, जो किसी भारतीय गेंदबाज द्वारा फेंकी गई सबसे अधिक थी। न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टी-20 मैच में अक्षदीप ने अपने आखिरी ओवर में एक नो बॉल सहित 27 रन दिए।जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था लेकिन वह लखनऊ में गेंदबाजों की मदद वाली पिच पर भारत की 6 विकेट की जीत में /7 लेने के साथ वापसी की।गंभीर का कहना है कि वर्ल्ड कप की स्थिति आपके घर में सामान्य रूप से मिलने वाली स्थिति से पूरी तरह से अलग है। ऑस्ट्रेलिया में नई गेंद से आपको स्विंग और उछाल मिल रही थी लेकिन जब आप उपमहाद्वीप में खेलते हैं तो परिस्थिति बिल्कुल अलग हो जाती है।

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