Ganga Dussehra 2021: आज है गंगा दशहरा, इन 5 शुभ मुहूर्तों में करें मां गंगा की पूजा, होगा पापों का नाश

Ganga Dussehra 2021: आज है गंगा दशहरा, इन 5 शुभ मुहूर्तों में करें मां गंगा की पूजा, होगा पापों का नाश

नई दिल्ली: आज के ही दिन गंगा माता ने धरती पर अवतरण लिया था. इस दिवस को भारतीय संस्कृती में गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है. वैशाख शुक्ल सप्तमी पर विष्णुलोक में जन्मीं और भगीरथ की प्रार्थना पर शिव की जटाओं में समाई जटाशंकरी गंगा का आज धराधाम पर अवतरण लिया था. जन्म के एक महीना तीन दिन बाद ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन गंगा और भगीरथ के चरण हरिद्वार की धरती पर पड़े थे. मां गंगा के धरती पर आने के बाद ही राजा भागीरथ के पूर्वजों की तृप्ति हुई थी. आज गंगा में स्नान और दान करने से सारे पाप धूल जाते है और पूर्वजों की तृप्ति होती है.

आइयें जानते है क्यों मां गंगा ने धरती पर अवतरण लिया था.

पुराणों के अनुसार राजा सगर के अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा लेकर उनके 60 हजार पुत्रों ने कपिल मुनि का अपमान किया होता जिसके कारण कपिल मुनि के अपने शाप से 60 पुत्रों को भस्म कर दिया था. शापित सगर पुत्रों की राख बहाने को धरती पर आई गंगा त्रेता युग से कलयुग के इस चरण तक अनवरत बह रही है. गंगासागर के कपिल मुनि आश्रम में 60 हजार सगर पुत्रों के पार्थिव अवशेष बहाने के बाद से लेकर आज तक गंगा अस्थियां बहाकर मोक्ष प्रदान कर रही हैं.

धरती पर गंगा के आगमन का अवतरण पर्व गंगादशमी के रूप में हरिद्वार से गंगासागर तक समूचे गांगेय क्षेत्र में मनाया जाता है. गंगा आगमन अस्थियां और मृतकों की राख बहाने के उद्देश्य से हुआ. गंगा में अस्थि प्रवाह के प्रमुख केंद्रों के रूप में हरिद्वार, काशी और सोरों तीर्थ विख्यात हैं. गढ़मुक्तेश्वर, पटना, प्रयाग और गंगासागर में भी उन क्षेत्रों के निवासी अस्थि प्रवाह करते हैं. दशमी के पावन दिवस पर गंगास्नान का अपार महत्व है. दशहरा स्नान मोक्ष प्रदान करने वाला है.

इस दिन भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व है. मां गंगा का सम्पूर्ण श्रृंगार कर आरती करें. इसके बाद मां को वस्त्र और श्रृंगार की वस्तुएँ अर्पित करें. मां से अखंड सौभाग्य की प्रार्थन करें. अर्पित की हुई वस्तुएँ किसी सौभाग्यवती स्त्री को दान कर दें.

मां गंगा के पूजा का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 03 मिन से 04 बजकर 44 मिनट तक है. दूसरा मुहूर्त अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक है.तीसरा मुहूर्त विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से 03 बजकर 38 मिनट तकहै. चौथा मुहर्त गोधूलि मुहूर्त शाम 07 बजकर 08 मिनट से 07 बजकर 32 मिनट तक है और पांचवा मुहर्त अमृत काल रात 12 बजकर 52 मिनट से 02 बजकर 21 मिनट तक है.

 

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