हरियाण चुनाव में दांव पर 4 क्षत्रपों का भविष्य

हरियाण चुनाव में दांव पर 4 क्षत्रपों का भविष्य

हरियाणा के करीब 1.83 करोड़ वोटर आज राज्‍य के 14वें विधानसभा चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। इन चुनावों में चार मुख्‍य राजनीतिक दल हैं- सत्‍तारूढ़ बीजेपी, कांग्रेस, आईएनएलडी और उससे अलग हुई पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी)। इसके अलावा बीएसपी, आम आदमी पार्टी, स्‍वराज इंडिया और बागी बीजेपी विधायक राजकुमार सेनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी भी चुनावी मैदान में हैं।

प्रदेश की 90 सीटों के लिए 1,168 उम्‍मीदवार मैदान में हैं। हरियाणा विधानसभा चुनावों को पीएम मोदी की लोकप्रियता जांचने के पैमाने के रूप में देखा जा रहा है। इस बार मोदी ने रेकॉर्ड रैलियों को संबोधित किया है। वहीं मनोहर सरकार का पांच साल के शासन के दौरान पारदर्शिता का दावा भी कसौटी पर कसा जाएगा। पूर्व आरएसएस प्रचारक सीएम मनोहर इस बार भी बीजेपी के सीएम उम्‍मीदवार हैं।

ये चुनाव दो बार सीएम रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए भी अस्तित्‍व की लड़ाई साबित हो सकते हैं। वह 2005 से 2014 तक हरियाणा के सीएम रहे हैं। हालांकि कांग्रेस ने हुड्डा को औपचारिक तौर पर अपना सीएम कैंडिडेट नहीं घोषित किया है लेकिन चुनाव प्रचार की अगुआई उन्‍हीं ने की। ये चुनाव आईएनएलडी की भी किस्‍मत का फैसला करेंगे। एक जमाने में राज्‍य का प्रमुख विपक्षी दल के रुतबे वाली आईएनएलडी अपने अस्तित्‍व के लिए संघर्ष कर रही है, खासकर इस साल मई में हुए लोकसभा चुनावों में बुरे प्रदर्शन के बाद।

पूर्व मुख्‍यमंत्री ओपी चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला और दुष्‍यंत चौटाला ने पिछले साल दिसंबर में आईएनएलडी से अलग होकर जेजेपी का गठन किया था। इन चुनावों में इसका प्रदर्शन तय करेगा कि इसका भविष्‍य कैसा होगा। वैसे अपने गठन के पहले वर्ष के भीतर ही जेजेपी एक प्रभावशाली क्षेत्रीय पार्टी के रूप में उभरी है।

 

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