Manimahesh Yatra 2020: हिमाचल में मणिमहेश यात्रा का आज पहला स्नान, यात्रा पर रोक

Manimahesh Yatra 2020: हिमाचल में मणिमहेश यात्रा का आज पहला स्नान, यात्रा पर रोक

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मणिमहेश यात्रा का पहला स्नान आज

प्रशासन ने यात्रा पर लगाई रोक

कोरोना वायरस के चलते लिया गया फैसला

हिमाचल: चम्बा  जिले की  विश्व विख्यात मणिमहेश यात्रा का आज पहला स्नान हो रहा है.  कोरोना महामारी के चलते इस बार किसी को भी यात्रा में जाने की अनुमति नहीं दी गई लेकिन, परम्पराओं को निभाने  के लिए पवित्र छड़ियों को यहां जाने की प्रशासन द्वारा खासतौर पर अनुमति दी गई है. परंपराओं को निभाते हुए जम्मू-कश्मीर के डोडा और अन्य क्षेत्रों से छड़ियां वहां के लिए रवाना हो चुकी थी. जिसमें एक छड़ी के साथ पांच-पांच या दस-दस  लोगों को जाने की अनुमति दी गई है. श्रद्धालुओं को डल झील पर रात्रि विश्राम की भी अनुमति नहीं दी गई है.

बता दे कि 18हजार 564फुट ऊंचे कैलाश पर्वत के आंचल में 13हजार 500फुट की ऊंचाई पर स्थित " मणिमहेश कैलाश तीर्थ स्थल " पर हर वर्ष भादो माह में कृष्णाष्टमी से राधा अष्टमी तक ना केवल चम्बा बल्कि प्रदेश के अन्य स्थानों से लाखों श्रद्धालु दुर्गम कठिन मार्ग को तय करके यहां पहुंचते हैं. हिमाचल के अलावा जम्मू , पंजाब,हरियाणा और अन्य राज्यों एवं विदेश से भी लोग सैकड़ों हजारों किलोमीटर की लंबी यात्रा करके इस पवित्र झील में डुबकी लगाकर अपनी धार्मिक यात्रा पूर्ण करते हैं.

आस्था के इस विराट स्थली  में जुटने वाले हजारों श्रद्धालु अदभुत प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण मणिमहेश कैलाश यात्रा में अनेकों कठिनाइयों को सहते हुए अपनी धार्मिक आस्था और मान्यता को ना केवल पुख्ता बनाते हैं बल्कि कैलाश पर्वत के दर्शन करके उसके आंचल में स्थित पवित्र झील में स्नान करके अपने जीवन को भी धन्य बनाते हैं. 

चम्बा मुख्यालय से मात्र 65किलोमीटर की  दूरी पर 2हजार 195मीटर की ऊंचाई पर स्थित उप मंडल भरमौर के मणिमहेश में आयोजित की जाने वाली पवित्र मणिमहेश कैलाश यात्रा का विधिवत शुभारंभ दशनामी अखाड़े की पवित्र छड़ी और सिद्ध बाबा चरपट नाथ की छड़ी से होता है. लक्ष्मी नारायण मंदिर में भगवान शिव की चांदी की छड़ी के पूजन के पश्चात यह " छड़ी " यात्रा आरंभ होती है. यह छड़ी यात्रा साधु संतों, महात्माओं,गणमान्यों लोगों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शोभायात्रा का स्वरूप धारण कर लेती है.

आपको बता दें कि यह यात्रा सैकड़ों बरसों से चली आ रही है. इस छड़ी यात्रा की परंपरा को इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण मात्र संभोलिक रूप में ही निभाया जा रहा है. कोरोना वायरस के चलते हालांकि प्रशासन द्वारा मणि महेश यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन, लोगों की धार्मिक आस्था, भक्ति भाव और शिव के प्रति उनकी अपार श्रद्धा को देखते हुए लोगों के आग्रह पर छड़ी यात्रा को मणिमहेश जाने की अनुमति प्रदान की गई है.

 

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