FARMER PROTEST: आंदोलन के बीच किसानों मनाई लोहड़ी, सिंघु बॉर्डर पर जलाई गई कृषि कानून की प्रतियां

FARMER PROTEST: आंदोलन के बीच किसानों मनाई लोहड़ी, सिंघु बॉर्डर पर जलाई गई कृषि कानून की प्रतियां

नई दिल्ली: किसानों का आंदोलन लगातार 48वें दिन भी जारी है. बढ़ती ठंड और शीत लहर के बीच किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए है. वहीं किसानों और सरकार की बीच आठवें दौर की बैठक बेनतीजा रही है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानून को लागू करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी भी बनाई है.सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लोहड़ी के मौके पर नए कृषि क़ानूनों की प्रतियां जलाई.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसानों ने प्रेसवार्ता का आयोजन किया है. इस प्रेस वार्ता में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार अपने ऊपर से दबाव कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जरिए कमेटी ले आई, इसका हमने कल ही विरोध किया है. हम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कमेटी को नहीं मानते हैं, कमेटी के सारे सदस्य कानूनों को सही ठहराते रहे हैं.

किसान नेता ने बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमारा 26 जनवरी का प्रोग्राम पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा, जिस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है जैसे किसी दुश्मन देश पर हमला करना हो, ऐसी गैर ज़िम्मेदार बातें संयुक्त किसान मोर्चा की नहीं हैं. 26 जनवरी के प्रोग्राम की रूपरेखा हम 15 जनवरी के बाद तय करेंगे.

किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि हम लोहड़ी मना रहे हैं जिसमें हम तीन कृषि क़ानूनों को जलाएंगे, 18 जनवरी को महिला दिवस है और 20 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश उत्सव है. इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत कहा कि  जब तक ये बिल वापस नहीं होगा तब तक वापस नहीं लौटेंगे.

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