FARMER PROTEST: कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला, कृषि कानून पर लगाई रोक, केंद्र सरकार को दिया झटका

FARMER PROTEST: कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला, कृषि कानून पर लगाई रोक, केंद्र सरकार को  दिया झटका

नई दिल्ली :  देश की उच्चतम न्यायालय ने किसानों को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार द्वारा पास किए गए तीनों कृषि कानून बिल  पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने इस मामले को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन किया है.

इस कमेटी में 4 लोगों को शामिल किया गया है. इस कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के जितेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल शेतकारी को शामिल किया गया  हैं. 400 किसानों के निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री दुष्यंत दवे, एचएस फूलका, कॉलिन गोंसाल्वेस ने आज एससी की कार्रवाई में भाग नहीं लिया है. एससी के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे कहते हैं कि वे समिति के गठन पर किसानों से परामर्श करने और आज वापस आने वाले थे.

याचिकाकर्ताओं में से एक के लिए पेश होने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे का कहना है कि कानूनों के कार्यान्वयन को राजनीतिक जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसे विधानों पर व्यक्त चिंताओं की एक गंभीर परीक्षा के रूप में देखा जाना चाहिए.CJI ने कृषि कानूनों पर सुनवाई के दौरान कहा हम इस आदेश में कहेंगे कि रामलीला मैदान या अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के लिए किसान दिल्ली पुलिस आयुक्त की अनुमति के लिए आवेदन कर सकते हैं.

इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमारे सामने एक आवेदन है जो कहता है कि एक प्रतिबंधित संगठन है जो इस विरोध प्रदर्शन में मदद कर रहा है. क्या अटॉर्नी जनरल इसे स्वीकार कर सकते हैं?अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का कहना है कि हमने कहा है कि खालिस्तानियों ने विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ की है.

 

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