नई दिल्ली: किसानों का आंदोलन लगातार 57वें दिन भी जारी है. बढ़ती ठंड और शीत लहर के बीच किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए है. वहीं किसानों और सरकार के बीच 10वें दौर की बैठक में किसानों को थोड़ी राहत मिली है.अगली दौर की बैठक 22 जनवरी को होगी. इसके साथ ही किसान आगे की रणनीति को लेकर आज एक बैठक करेंगे. साथ ही एक प्रेसवार्ता को संबोधित करेंगे.
बैठक के बाद किसान नेता कहा कि सरकार ने कहा है कि हम कोर्ट में एफिडेविट देकर क़ानून को 1.5-2 साल तक होल्ड पर रख सकते हैं. कमेटी बनाकर चर्चा करके, कमेटी जो रिपोर्ट देगी, हम उसको लागू करेंगे.हम 500 किसान संगठन हैं, कल हम सबसे चर्चा करके 22 जनवरी को अपना जवाब देंगे. वहीं किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि बैठक में 3 कानूनों और MSP पर बात हुई है. सरकार ने कहा हम 3 कानूनों का एफिडेविट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को देंगे और हम 1-1.5 साल के लिए रोक लगा देंगे. एक कमेटी बनेगी जो 3 क़ानूनों और MSP का भविष्य तय करेगी. हमने कहा हम इस पर विचार करेंगे.
किसानों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज हमारी कोशिश थी कि कोई निर्णय हो जाए. उन्होंने कहा कि किसान यूनियन क़ानून वापसी की मांग पर थी और सरकार खुले मन से क़ानून के प्रावधान के अनुसार विचार करने और संशोधन करने के लिए तैयार थी.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव पर कल हम अपने नेताओं के साथ विचार करेंगे और 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक में आएंगे और आपको निर्णय से अवगत कराएंगे.
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