Protest Cancer In Men: बूढ़े-बूजुर्गे में होने वाली बीमारी प्रोटेस्ट कैंसर अब युवाओं को अपना शिकार बना रही है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में करीब 14लाख लोग प्रोस्टेट कैंसर की चपेट में आते हैं। मेडिकल रिसर्च के अनुसार, लंग्स और माउथ कैंसर के बाद पुरुष सबसे ज्यादा प्रोस्टेट कैंसरकी चपेट में आ रहे हैं।
मायो क्लिनिक के अनुसार, प्रोटेस्ट कैंसर अंदर ही अंदर बढ़ता रहता है और धीरे-धीरे ब्लैडर, लिवर, फेफड़ों और पेट तक पहुंच जाता है। जिसके बाद खून के साथ कैंसर की कोशिकाएं हड्डियों तक पहुंचती हैंऔर असहनीय दर्द का शिकार बना सकता है। अब यह जानना जरूरी है कि आखिर ये बीमारी युवाओं को अपना शिकार क्यों बना रही है।
पुरुषों के लिए प्रोस्टेट कैंसर खतरा
बता दें कि प्रोस्टेट कैंसर फिजिकल रिलेशन बनाने की क्षमता को खत्म कर सकता है। जिससे पिता बनने का सपना खत्म हो सकता है। इस बीमारी के इलाज के भी कई साइड इफेक्ट्स होनी की आशंका है। बता दें कि प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली हॉर्मोन थेरेपी से टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन बनना ही बंद हो सकते हैं। जिससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो सकती है।
रेडिएशन थेरेपी का भी पुरुषों की रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है। प्रोटेस्ट कैंसर से बचाने के लिए युवाओं में प्रोस्टेट ग्लैंड हटानी पड़ सकती है। जो पुरुषों के प्रजनन तंत्र का अहम हिस्सा होता है और लिक्विड स्पर्म को बचाने का काम करता है।
प्रोटेस्ट कैंसर के क्या हैं लक्षण
प्रोस्टेट कैंसर के दौरान यूरिन करने में परेशानी, यूरिन के प्रेशर में कमी आना, बार-बार यूरिन आना, यूरिन करते समय दर्द और जलन , सीमेन और यूरिन से ब्लड आना ,हड्डियों में लगातार असहनीय दर्द रहना, टेस्टिकल्स में दर्द, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, इजैकुलेशन में दिक्कत आना, अचानक से वजन कम हो जाना, पैरों में सूजन या पानी जमना ,थकान और कमजोरी की दिक्कतें होने लगती है।
प्रोस्टेट कैंसर होने के क्या कारण हैं
प्रोस्टेट कैंसर होने के कारण ये है। जैसे फैमिली हिस्ट्री के कारण प्रोटेस्ट कैंसर है तो खतरा ज्यादा , खराब लाइफस्टाइल, फिजिकल एक्टिविटी न होना, खेलकूद जैसी एक्टिविटी से दूर रहना, रेगुलर तौर पर एक्सरसाइज न करना, सिगरेट और शराब की लत का होना।
प्रोटेस्ट कैंसर से बचने के लिए युवा क्या करें
प्रोस्टेट कैंसर से बचने के लिए युवाओं को वजन मेंटेन रखें रखना चाहिए। सिगरेट छोड़ें, धूम्रपान से दूरी बना कर रखें। हरी पत्तिदार सब्जियां खाएं और रेड मीट को बॉय-बॉय बोले। साथ ही पानी पीना कम न करें, खुद को स्ट्रेस से बचाएं, रेगुलर एक्सरसाइज करना न भूलें। डॉक्टर की सलाह और रेगुलर चेकअप भी कराएं।
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