Sanoj Mishra Grants Bail: दिल्ली उच्च न्यायालय ने फिल्म निर्देशक सनोज कुमार मिश्रा को दुष्कर्म के एक मामले में जमानत दे दी है। सनोज वही निर्देशक हैं, जिन्होंने कुंभ मेले में माला बेचने वाली मोनालिसा को अपनी फिल्म में मौका देकर सुर्खियां बटोरी थीं। कोर्ट ने इस मामले में झूठे आरोपों की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए इसे समाज के लिए नुकसानदायक बताया।
30 मार्च को हुई थी गिरफ्तारी
सनोज मिश्रा पर एक 28 वर्षीय युवती ने दुष्कर्म, तीन बार गर्भपात करवाने और धमकी देने के आरोप लगाए थे। इसके बाद 30 मार्च 2025 को उन्हें गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, 21 मई को युवती ने कोर्ट में बयान दिया कि उसने बाहरी दबाव में आकर झूठा केस दर्ज कराया था और सनोज ने उसका दुष्कर्म नहीं किया। शुक्रवार, 30 मई को हुई सुनवाई में जस्टिस कठपालिया ने सनोज को 10,000 रुपये की जमानत राशि पर रिहा करने का आदेश दिया।
लिव-इन रिलेशनशिप में थे सनोज और युवती
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सनोज और शिकायतकर्ता युवती पिछले पांच साल से लिव-इन रिलेशनशिप में थे और उनके बीच सहमति से संबंध बने थे। कोर्ट ने यह भी पाया कि युवती ने विरोधियों के दबाव में आकर शिकायत दर्ज की थी। जज ने सनोज को जमानत देते हुए कहा कि उन्हें जेल में रखने का कोई आधार नहीं है।
झूठे आरोपों का बढ़ता चलन चिंताजनक
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में गंभीर टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि यौन अपराधों की झूठी शिकायतें न केवल आरोपी को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में अविश्वास पैदा करती हैं। इससे सच्चे पीड़ितों की शिकायतों पर भी संदेह होने लगता है। कोर्ट ने ऐसी झूठी शिकायतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया।
सनोज को मिली राहत
इस फैसले से सनोज मिश्रा को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए समाज में झूठे आरोपों के दुरुपयोग पर गहरी चिंता जताई। यह मामला एक बार फिर झूठे आरोपों के गंभीर परिणामों पर बहस छेड़ सकता है।
Leave a comment